जिला प्रशासन से नहीं मिल सकी कोई सहायता
लखीसराय : कथित नक्सली बटोरन कोड़ा की पुलिस हिरासत में बीते कुछ माह पूर्व हुई हत्या के बाद इनके बाल-बच्चों की परवरिश के लिए धर्मपत्नी छेदनी देवी को दर-दर भटकना पड़ रहा है. बावजूद लखीसराय जिला प्रशासन की ओर से इस अनुसूचित जाति महिला एवं उनके बच्चों की भरण-पोषण के लिए कोई सरकारी सहायता एवं राहत सुविधा मुहैया नहीं करवाया गया.
विदित हो कि बटोरन कोड़ा की मृत्यु के पश्चात येन-केन प्रकरण 28 हजार रुपये प्रदान किये गये, लेकिन इन चंद रुपयों से दो बेटा एवं एक बेटी की परवरिश काफी नहीं प्रतीत होता है. मृतक की पत्नी छेदनी देवी के पुत्र बबलू एवं डबलू है जबकि पुत्री रानी की पढ़ाई-लिखाई, खान-पान एवं अन्य दिनचर्या पर पैसे के अभाव में घोर संकट मंडराने लगी है. स्मरणीय हो कि मृतक बटोरन कोड़ा दिल्ली में असंगठित मजदूरी का काम करता था. इससे इन तीन बच्चे एवं इनकी धर्मपत्नी का समुचित जीवन बसर होता था लेकिन पुलिसिया अत्याचार ने इसे दिल्ली से अपना घर पहुंचते ही यमलोक पहुंचा दिया.