नक्सल प्रभावित गांव का नहीं हो पाया विकासचानन. सरकार नक्सल प्रभावित इलाके में आधारभूत संरचना विकसित करने के लिये लगातार प्रयास कर रही है. बावजूद इसके आज भी चानन क्षेत्र के कई नक्सल प्रभावित गांव विकास की वाट जोह रहा है. गांव में आवागमन के लिये न तो सड़क है और न ही बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था. सड़क के अभाव में मरीजों को चारपाई से चार-पांच किलोमीटर पैदल दूरी तय कर चिकित्सक के पास लाने को मजबूर होना पड़ता है. अक्सर गंभीर रूप से बीमार मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है. कुंदर पंचायत के जगुआजोर कोरासी, गोरधोबा कोरासी, गोबरदाहा कोरासी, चेहरौन कोरासी, बांसकुंड कोरासी आदि गांव के लोगों को आज तक सड़क नसीब नहीं हो पाया. इन गांव के लोगों की मुसीबत बारिश के दिनों में काफी बढ़ जाती है. कच्चे पगडंडी पर पैदल आना भी जंग जीतने के समान होता है. ग्रामीण जागेश्वर कोड़ा, बुधन कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा, पप्पू सोरेन, नरेश कोड़ा आदि ने बताया कि इन इलाकों की सुधि लेनेवाला कोई नहीं आता. यहां आकर विकास का तमाम दावा दम तोड़ देता है.
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नक्सल प्रभावित गांव का नहीं हो पाया विकास
नक्सल प्रभावित गांव का नहीं हो पाया विकासचानन. सरकार नक्सल प्रभावित इलाके में आधारभूत संरचना विकसित करने के लिये लगातार प्रयास कर रही है. बावजूद इसके आज भी चानन क्षेत्र के कई नक्सल प्रभावित गांव विकास की वाट जोह रहा है. गांव में आवागमन के लिये न तो सड़क है और न ही बिजली-पानी की […]
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