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व्यावसायिक शक्षिा को लगा ग्रहण, 9 साल से नहीं हो रहा नामांकन

व्यावसायिक शिक्षा को लगा ग्रहण, 9 साल से नहीं हो रहा नामांकन मॉडल इंटर स्तरीय विद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा के लिए 5 शिक्षक हैं पदस्थापित, छात्र एक भी नहींफोटो संख्या : 1,2 फोटो कैप्सन : मॉडल इंटर उच्च विद्यालय एवं प्रयोगशाला में चल रहा परीक्षा प्रतिनिधि, मुंगेर ————एक ओर जहां मुंगेर को शिक्षा का हब […]

व्यावसायिक शिक्षा को लगा ग्रहण, 9 साल से नहीं हो रहा नामांकन मॉडल इंटर स्तरीय विद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा के लिए 5 शिक्षक हैं पदस्थापित, छात्र एक भी नहींफोटो संख्या : 1,2 फोटो कैप्सन : मॉडल इंटर उच्च विद्यालय एवं प्रयोगशाला में चल रहा परीक्षा प्रतिनिधि, मुंगेर ————एक ओर जहां मुंगेर को शिक्षा का हब बनाने का दावा किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पूर्व से जो शिक्षा के साधन जिले में उपलब्ध हैं, उसमें जंग लगते जा रहे हैं. जिसमें व्यावसायिक शिक्षा भी एक है. हाल यह है कि पिछले नौ साल से व्यावसायिक शिक्षा कि लिए एक भी छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं हो रहा. जिसके कारण बिना पढ़ाये ही सरकार शिक्षकों को वेतन का भुगतान कर रही है. ऐसे ही विद्यालयों में से एक जिले का मॉडल इंटर स्तरीय व्यावसायिक विद्यालय भी है.वर्ष 1986 में मिली है मान्यतावर्ष 1986 में नयी शिक्षा नीति के तहत मॉडल इंटर स्तरीय विद्यालय को व्यावसायिक शिक्षा के लिए मान्यता दी गयी. लगभग 20 साल तक यहां व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्र- छात्राओं का नामांकन होते रहा. किंतु वर्ष 2007 से अबतक यहां एक भी छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं हुआ है.तीन ट्रेड में पढ़ाई की है व्यवस्थायहां व्यावसायिक शिक्षा के लिए कुल तीन ट्रेड की व्यवस्था दी गयी है. जिसमें रेडियो, टीवी, टेक्नीशियन, टेक्सटाइल डिजाइनिंग व माइनिंग एंड जियोलॉजी ट्रेड को रखा गया है. प्रत्येक ट्रेड में 25-25 छात्र-छात्राओं को कोटा निर्धारित किया गया है. जिसे पढ़ाने के लिए विद्यालय में वर्तमान समय में कुल पांच शिक्षक पदस्थापित हैं. किंतु पढ़ने के लिए फिलहाल एक भी छात्र विद्यालय में नामांकित नहीं हैं.प्रयोगशाला में नहीं हैं उपकरणविद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा की बात करनी शायद बेईमानी होगी. औद्योगिक शिक्षा के लिए प्रायोगिक क्रियाकलाप सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. जिसके बिना यह शिक्षा पूरी नहीं मानी जाती. इस विद्यालय में औद्योगिक शिक्षा के लिए दो प्रयोगशाला कक्ष बनाये गये हैं. किंतु कक्ष में एक भी प्रायोगिक उपकरण उपलब्ध ही नहीं हैं. हाल यह है कि वर्तमान समय में यह कक्ष या तो किसी समारोह के लिए उपयोग किये जाते हैं या फिर मैट्रिक इंटर के छात्रों के क्लास रूम के लिए उपयोग किये जाता हैं. कहते हैं प्राचार्यप्राचार्य अनिल मंडल ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान नहीं होने के कारण कोई भी नामांकन नहीं करवा रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय में औद्योगिक शिक्षा के लिए उपकरण भी उपलब्ध नहीं करवाये गये हैं.

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