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सीएचसी में 13 में से मात्र एक चिकित्सक हैं पदस्थापित

सूर्यगढ़ा : पीएचसी सूर्यगढ़ा इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड किया गया लेकिन यहां संसाधनों का टोटा है. न यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सक हैं और न ही संसाधन. इलाज के नाम पर केवल मरहम पट्टी कर रेफर करने का खेल चल रहा है. चाहे इमरजेंसी हो […]

सूर्यगढ़ा : पीएचसी सूर्यगढ़ा इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड किया गया लेकिन यहां संसाधनों का टोटा है. न यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सक हैं और न ही संसाधन. इलाज के नाम पर केवल मरहम पट्टी कर रेफर करने का खेल चल रहा है. चाहे इमरजेंसी हो या ओपीडी चिकित्सक संसाधन का रोना रोते हैं.

सीएचसी में मात्र 13 में से मात्र एक चिकित्सक पदस्थापित
सीएचसी में नियमों के मुताबिक 13 चिकित्सक पदस्थापित होनी चाहिए, लेकिन सूर्यगढ़ा सीएचसी का हाल ये है कि यहां अभी मात्र एक चिकित्सक डॉ वाईके दिवाकर पदस्थापित रह गये है. एक चिकित्सक डॉ सन्नी विभाग को आवेदन देकर आगे की पढ़ाई के लिये दिल्ली चले गये.
अब हाल ये है कि एपीएसी में पदस्थापित चिकित्सकों एवं आयूष चिकित्सक को रोस्टर ड्यूटी में लगाकर किसी तरह ओपीडी में काम चलाया जाता है. आरबीएसके चिकित्सक की सहायता से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार स्वयं ड्यूटी कर किसी तरह इमरजेंसी संभाल रहे हैं.
एपीएचसी में पदस्थापित महिला चिकित्सक इमरजेंसी ड्यूटी करने से इंकार कर रही
पीएचसी में महिला चिकित्सक का अभाव है. हालांकि ओपीडी में एपीएचसी में पदस्थापित दो महिला चिकित्सक डॉ लिली बेसरा व डॉ मधुमिता की ड्यूटी होती है, लेकिन उनके द्वारा भी ड्यूटी में महज खानापूर्ति किया जा रहा है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि चिकित्सक की कमी के कारण सीएचसी में काम करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि एमबीबीएस चिकित्सक को इमरजेंसी संभालना है. इमरजेंसी में महिला चिकित्सक की रोस्टर ड्यूटी लगाया गया है लेकिन दोनों महिला चिकित्सक डॉ लिली बेसरा व डॉ मधुमिता बीमारी का हवाला देकर इमरजेंसी ड्यूटी करने से कतरा रही है.
सोमवार को सीएचसी में डॉ मधुमिता की सुबह 08 बजे से अपराह्न 02 बजे की इमरजेंसी ड्यूटी लगाया गया था जबकि डॉ लिली बेसरा को अपरा्हन 02 बजे से रात 08 बजे तक इमरजेंसी संभालना था लेकिन दोनों चिकित्सक इमरजेंसी संभालने से इंकार का गयी. उन्होंने बताया इमरजेंसी में डॉ नहीं रहने से उन्हें ही इमरजेंसी संभालना पड रहा है. इसके कारण वे क्षेत्र में नहीं जा पर रहे और आरआई कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं. कार्यालय के कार्य में भी काफी परेशानी हो रही है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने प्रभारी के पद से मुक्त करने की मांग की
अव्यवस्था से तंग आकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को लिखित आवेदन देकर उन्हें प्रभारी के पद से मुक्त करने की मांग की है. प्रभारी ने बताया कि इस बाबत सिविल सर्जन को लिखित आवेदन दिया गया है.

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