लखीसराय : सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार से संबद्ध नेशनल ट्रस्ट की योजनाओं को धरातल पर उतारा जायेगा. इसके लिए जिलाधिकारी शोभेन्द्र कुमार चौधरी ने बैठक में सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक डॉ विवेक को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है. नेशनल ट्रस्ट यानी राष्ट्रीय न्यास स्वपरायणता, प्रमस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और बहू-दिव्यांगता ग्रसित व्यक्तियों के कल्याण के लिए कार्य करती है.
सामाजिक सुरक्षा कोषांग के माध्यम से कुल दस योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है. जिसमें 10 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों के लिए दिशा तो 10 वर्ष से ऊपर के आयु वालों में स्वपरायणता, प्रमस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और निःशकताग्रस्त पारस्परिक और व्यवसायिक कौशल को बढ़ाने के लिए विकास योजना है. इसके समर्थ योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों, संकट ग्रस्त परिवारों, राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत कवर विकलांगता के चार प्रकारों में से कम से कम किसी एक के अंतर्गत आने वाले बीपीएल, एलआईजी परिवारों के निःशक्ता ग्रस्त व्यक्तियों को सामुहिक आश्रम या घर प्रदान करना है.
इसके साथ घरौंदा योजना में इन्हें आजीवन आवास और देखभाल सेवाएं प्रदान की जाती है. निरामय योजना के तहत मामूली कीमत पर स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है. सहयोगी में समुदाय आधारित सेवा प्रदाताओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था है. शैक्षणिक, व्यवसायिक पाठयक्रमों में भाग लेने के लिए ज्ञान प्रभा, इनके द्वारा उत्पादित उत्पादों और सेवाओं की बिक्री के लिए व्यवहार्य और व्यापक चैनल के निर्माण का काम प्रेरणा योजना से हो रही है. संभव कार्यक्रम के तहत आंतरिक संसाधन केंद्र की स्थापना की जायेगी. जबकि बढ़ते कदम में जागरूकता और समुदाय से मेलजोल के लिए है. डॉ विवेक के अनुसार सर्वप्रथम दिव्यांग जनों को प्रमाण पत्र देने एवं प्रामाणिकता को लेकर सभी प्रखंड में कैंप लगाया जायेगा. तत्पश्चात इन योजनाओं के अमल को लेकर अन्य सार्थक प्रयास किया जायेगा.