13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

लगन में जागा पकड़ौवा विवाह का भूत, युवक को दिन-दहाड़े अगवा कर करायी शादी, पढ़ें

लखीसराय / पटना :बिहारके लखीसराय जिले से पकड़ौवा विवाह का एक अनोखा मामलासामनेआया है. एक ओर बिहार सरकार ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, वहीं दूसरी ओर लखीसराय में एक युवक को जबरन हथियार के बल पर अगवा कर शादी करा देने का मामला चर्चा में है. जानकारी के […]

लखीसराय / पटना :बिहारके लखीसराय जिले से पकड़ौवा विवाह का एक अनोखा मामलासामनेआया है. एक ओर बिहार सरकार ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, वहीं दूसरी ओर लखीसराय में एक युवक को जबरन हथियार के बल पर अगवा कर शादी करा देने का मामला चर्चा में है. जानकारी के मुताबिक जिले के नगर थाना क्षेत्र के दरियापुर संबलगढ़ गांव निवासी चुनचुन सिंह के 21 वर्षीय पुत्र गौरव कुमार इसके हालिया शिकार बने हैं. गौरव की शादी पकड़ौवा विवाह के तहत बड़हिया प्रखंड के लाल दियारा गांव के पंकज सिंह की बेटी से की गयी है. इस विवाह के संपन्न होते ही विवाद बढ़ गया है. जिले के एसएसपी अरविंद ठाकुर ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में बताया है कि इस जबरन परंपरा का शिकार बने गौरव की मां मंजू देवी ने लड़की के पिता पंकज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

मामला सामने आने के बाद पुलिस ने गौरव कुमार को छुड़ा लिया है और पंकज सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. बेगूसराय के सक्रिय एक सक्रिय मीडियाकर्मी ने फोन पर बातचीत में बताया कि गौरव कुमार को शादी की नियत से अपहरण किया गया. उस वक्त गौरव जिला मुख्यालय के पुराना बाजार स्थित बिजली ऑफिसमेंबिल जमा करने गया था और घातलगायेपंकजसिंह के लोगों ने गौरव को बोलेरोमेंजबरन उठाकर ले गये. यह घटना बिजली ऑफिस के सीसीटीवी में कैद हो गयी. घटना के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गये, पुलिस ने सीसीटीवी देखा और बाद में पता चला कि युवक को शादी की नियत से पकड़ौवा विवाह के तहत अगवा किया गया है. पुलिस ने जानकारी होने के बाद राहत की सांस ली और गौरव को बरामद कर लिया.

गौरव की मां ने बेटे के अगवा होने के साथ नगर थाने में मामला दर्ज करा दिया और पंकज सिंह को नामजद अभियुक्त बताया. मंजू सिंह की मानें, तो पकंज सिंह लगातार गौरव से अपनी बेटी की शादी के लिए दबाव बना रहा था, मामला सलटते नहीं देख पंकज सिंह ने पकड़ौवा विवाह का सहारा लिया. स्थानीय पुलिस रिकार्ड के मुताबिक बड़हिया प्रखंड के लाल दियारा निवासी पंकज सिंह लखीसराय के चर्चित शरदचंद्र हत्याकांड में जेल जा चुका है. वह हाल में ही जेल से छूटकर बाहर आया है और अपनी बेटी के लिए वर की तलाश कर रहा था.

पकड़ौवा विवाह यह शब्द सुनकर भले आप आश्चर्य में पड़ जाएं, लेकिन यहशब्द सामाजिक और आर्थिक विषमता की खाई कोसाफदिखाता है. बिहार में शादी के इस अनोखे तरीके को भले परंपरागत मान्यता नहीं मिली, लेकिन एक समय में यह बिहार के कुछ इलाकों में खूब फला-फूला. गरीबी, मुफलिसी, दहेज और जातिगत समीकरणों में उलझी शादियों की समस्याओं से ग्रस्त लोगों ने पकड़ौवा विवाह को एक समय पर बेहतर विकल्प माना. इस शादी के बारे में लोग कहते हैं कि इसकी शुरुआत बेगूसराय जिले से हुई. वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद दत्त कहते हैं कि बिहार के भूमिहार लैंड बेगूसराय की दबंग सवर्ण भूमिहार जाति से शुरू हुए पकड़ौवा विवाह जिसे लोग फोर्स्ड मैरेजभीकहते हैं. इस विवाह को पहले दूसरी जातियां स्वीकार नहीं करती थी लेकिन बाद में दूसरी जातियां भी इस पद्धति को अंगीकार करने लगी.

प्रमोद दत्त स्वयं बेगूसराय केहैं,वह कहते हैं कि बाद मोकामा, लखीसराय, बाढ़, नवादा, नालंदा, मुजफ्फरपुर सहित दूसरे जगहों पर शादी की यह प्रथा अमल में लाई जाने लगी. इस पद्धति के पीछे मुख्य भूमिका बढ़ती महंगाई और दहेज की रही. बेटियों की शादी में भारी-भरकम दहेज ने लोगों को यह प्रथा अपनाने पर मजबूर किया. हालांकि, आज इसकी संख्या कम है, लेकिन लखीसराय की घटना से लोग डरे हुए हैं. दहेज समस्या पर बेटियों के बाप खुलकर समर्थन में आते हैं, लेकिन गाहे-बगाहे शादी में गिफ्ट के नाम पर कुछ न कुछ देते हैं. अच्छे घरों में विवाह की चाहत ने अब पकड़ौवा परंपरा को पीछे छोड़ दिया है. अब कानून भी इस पर बकायदा एक्शन लेता है.

बिहार के बेगूसराय के इलाके में 90 के दशक में ऐसी शादियों का प्रचलन ज्यादा हुआ था. उस वक्त देश उदारीकरण के दौर में प्रवेश कर चुका था. दहेज से लोग असहाय थे. लोगों ने इसका विकल्प ढूंढ़ा और दूल्हे को ही अगवा कर अपनी बेटियों से शादी कराने लगे. स्थिति यह हो गयी कि घर से जवान लड़के लगन के दिन में निकलते नहीं थे, किसी दूसरे रिश्तेदार के यहां जाकर रहने लगते थे. लगन खत्म होने के बाद घर लौटते थे. किसी गरीब की बेटी के तिरस्कार से उपजी यह विद्रोही परंपरा अब बहुत कम हो गयी है, लेकिन इसके पीछे दहेज का दानव आज भी खड़ा है. पकड़ौवा विवाह में लड़के को बन्दूक की नोंक पर उठा लिया जाता है और हथियारों के साए में विवाह के रीति-रिवाज के साथ अगवा किए गए लड़कों का विवाह लड़की से करा दिया जाता था. भले इसे जबर्दस्ती का रिश्ता बताया जाता हो लेकिन पकड़ौवा विवाह की अस्सी फीसदी से अधिक घटनाओं में लड़के के रिश्तेदारों की भी अहम भूमिका होती है.

यह भी पढ़ें-
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) विधेयक 2017 ध्वनि मत से पारित

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel