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बिहार के सरकारी स्कूलों में नियुक्त अतिथि शिक्षकों की बढ़ी टेंशन, जानिए शिक्षा विभाग का नया आदेश

बीपीएससी से नवनियुक्त शिक्षकों द्वारा योगदान किये गये स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है. इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से एजेंसी के माध्यम से कार्यरत अतिथि शिक्षकों और तकनीकी संकाय को हटाने का पत्र भी जारी कर दिया गया है.

बिहार के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सेवा अब नहीं ली जायेगी. अब बीपीएससी से नवनियुक्त शिक्षकों द्वारा योगदान किये गये स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है. फिलहाल राज्य के विभिन्न स्कूलों में पांच हजार से अधिक अतिथि शिक्षक योगदान दे रहे हैं. इनमें से कई स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को हटा भी दिया गया है. इसके अलावा एजेंसी के माध्यम से सेवा दे रहे टेक्निकल फैकल्टी को भी हटाया जा रहा हैं. इन शिक्षकों को सितंबर महीने में ही रखा गया था. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से एजेंसी के माध्यम से कार्यरत अतिथि शिक्षकों और तकनीकी संकाय को हटाने का पत्र भी जारी कर दिया गया है.

2018 में बच्चों को पढ़ाने के लिए रखे गए थे 5440 अतिथि शिक्षक

बता दें कि साल 2018 में राज्य के विभिन्न स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी थी, वहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य भर में 5440 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. इसको लेकर जिलेवार स्कूलों की सूची जारी की गयी. जिन स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी थी, वहां संबंधित विषय में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. लेकिन अब इन शिक्षकों को हटाया जा रहा है. जिससे अतिथि शिक्षकों में बेचैनी बढ़ गयी है.

पटना में 243 अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त

वहीं अगर पटना जिला की बात करें तो यहां जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा 243 अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त करने को लेकर आदेश जारी किया गया है. इस संबंध में जिले के राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट और उत्क्रमित उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्राचार्यों को पत्र लिखा गया है.

जिस विषय में हुआ योगदान, उसी के हटाए जा रहे शिक्षक

अतिथि शिक्षकों को हटाए जाने के संबंध में पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के माध्यम से नवचयनित शिक्षकों ने जिस विषय में योगदान दिया है, उस विषय के अतिथि शिक्षकों को नियमावली के अनुसार हटाया जाएगा.

संघ की मांग अतिथि शिक्षकों की जगह रिक्त नहीं माने सरकार

इधर, उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने प्लस टू अतिथि शिक्षक की जगह को रिक्त नहीं मनाने की मांग की है. संघ ने कहा कि रिक्त नहीं मानते हुए मासिक पारिश्रमिक फिक्स कर सेवा 60 वर्ष करने की अनुशंसा सरकार करे. छह वर्ष हो चुका है, अब अतिथि शिक्षकों को हटाया जा रहा है. पहले 25 दिन के अनुसार पारिश्रमिक 25000 रुपये दिये जाते थे, लेकिन प्राचार्य द्वारा 20 या 22 दिन का ही कार्य दिखाया जा रहा है.

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करीब 88 हजार शिक्षकों ने शुरू किया पढ़ाना

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 88 हजार शिक्षकों के स्कूलों में योगदान किये जाने की रिपोर्ट जिलों ने शिक्षा विभाग को भेज दी है. इन सभी शिक्षकों ने स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. फिलहाल जिलों ने प्रत्येक शिक्षक के नाम और योगदान की तिथि के साथ ऑनलाइन रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध करा दी है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने भी करीब-करीब यह मान लिया है कि फिलहाल इससे अधिक नवशिक्षक शायद ही योगदान दें, क्योंकि योगदान के लिए जो शिक्षक रह गये हैं, उनमें अधिकतर करीब नियोजित शिक्षक हैं . दो से चार हजार ऐसे शिक्षक भी हैं जो दूसरी जगह त्यागपत्र देने गये हैं. दरअसल यह वह शिक्षक हैं जो पहले दूसरी जगह नौकरी करते थे. अपने पिछले संस्थान में त्यागपत्र और वहां से एनओसी लाने के बाद ही उन्हें विद्यालय अध्यापक के रूप में योगदान देना है. इसके अभाव में योगदान नहीं लिया जायेगा. फिलहाल ऐसे सभी शिक्षकों को 30 नवंबर तक योगदान देने के लिए कहा है.

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राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के इंतजार में नियोजित शिक्षक

जानकारों के मुताबिक नियेाजित शिक्षक राज्यकर्मी के दर्जे का इंतजार कर रहे हैं. अगर उन्हें आसान शर्तों पर राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाता है, तो संभव है कि वह विद्यालय अध्यापक के रूप में योगदान न करें. विभाग ने जिलों को निर्देश दिये थे कि जो शिक्षक योगदान कर चुके हैं, उसकी रिपोर्ट 26 नवंबर तक भेज दें. मालूम हो कि आयोग द्वारा एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का चयन किया गया है. इनमें एक लाख दस हजार ने ही औपबंधिक पत्र प्राप्त किया है.

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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