लखीसराय.
साइबर ठग के शिकार पीड़ित को रुपये वापस नहीं मिलने पर सीजेएम लखीसराय की अदालत में शुक्रवार को साइबर थाना के पुलिस निरीक्षक विकास तिवारी को कोर्ट से फटकार लगी. बताया जा रहा है कि साइबर थाना कांड संख्या 28/24 की सूचक सह पीड़िता रूपम कुमारी से साइबर ठगों ने एक लाख रुपये से अधिक राशि की ठगी कर एक खाता में ट्रांसफर कर लिया गया था. जिसमें त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित एसबीआई के खाता को फ्रिज करा दिया गया, हालांकि तबतक ठगों ने 40 हजार रुपये से अधिक की राशि निकाल ली गयी थी तथा बांकी बचे 66 हजार रुपये को होल्ड करा दिया गया था. मामले में लगभग एक वर्ष बीत जाने के बावजूद पीड़िता को होल्ड की गयी राशि का भुगतान नहीं कराया जा सका. जिस मामले में कोर्ट ने पुलिस निरीक्षक विकास तिवारी से जवाब तलब किया. जिस पर पुलिस निरीक्षक के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि उनके द्वारा कई प्रयास किये गये बावजूद बैंक ने इस दिशा में सार्थक कदम नहीं उठाया. इस संबंध में पुलिस निरीक्षक विकास तिवारी ने बताया कि उनके पास इस तरह के पांच और केस हैं. जिसमें विभिन्न बैंकों में राशि को होल्ड कराया गया तथा बैंक से राशि दिलाने को लेकर बैंकों के नोडल पदाधिकारी से बार बार रिक्वेस्ट किया गया है. बावजूद इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिस वजह से पुलिस व पीड़ित दोनों को परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने उनके पास कांड संख्या 03/24, 15/24, 28/24, 09/24, 17/24 एवं 10/25 अनुसंधान में है. जिसमें विभिन्न बैंकों में राशि को होल्ड कराया गया है. श्री तिवारी ने बताया कि उनके अलावा कई अन्य पुलिस पदाधिकारी भी हैं जिनके पास भी इस तरह के मामले हैं. उन्होंने कहा कि यदि बैंकों की ओर से सहयोगात्मक रवैया अपनाया जाय, तो होल्ड की गयी राशि को पीड़ितों को वापस दिलाने में आसानी होगी तथा साइबर अपराध पर भी नकेल कसी जा सकेगी.बैंकों की ओर से पूर्ण सहयोग नहीं
वर्तमान समय में साइबर अपराधियों द्वारा भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर राशि की ठगी कर लिये जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि साइबर पुलिस इसको लेकर लगातार जागरूकता अभियान भी चला रही है. साथ ही घटना की जानकारी मिलने पर कार्रवाई भी की जा रही है. लेकिन मामले में संबंधित बैंकों की ओर से पूर्ण सहयोग नहीं मिलने से ठगी की राशि पीड़ितों को वापस कराने में भी परेशानी आ रही है. कुछ ऐसे ही मामले को लेकर
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