ठाकुरगंज. सनातन परंपरा में गुरु को श्रेष्ठ माना गया है. शास्त्रों में कहा गया है कि ईश्वर सर्वशक्तिमान है. ईश्वर को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका सत्संग है. ये विचार महर्षि मेंही आश्रम कुप्पा घाट भागलपुर से युवा सन्यासी पूज्य पाद स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज ने कही. ठाकुरगंज प्रखंड के नावडूबा गांव में अवस्थित महर्षि मेही सत्संग मंदिर में आयोजित 23 वां वार्षिक महोत्सव में भागलपुर से आए युवा सन्यासी स्वामी सत्य प्रकाश जी महाराज ने इस दौरान कहा कि सत्संग से ही ईश्वर की प्राप्ति की जा सकती है. जैसा संग होगा, वैसा उसका प्रभाव होगा. इसलिए मनुष्य को श्रद्धापूर्वक गुरु की सेवा करना ही परम धर्म है. उन्होंने कहा कि कहा कि सर्व शक्तिमान एवं सर्व समर्थ ईश्वर ही इस संसार सागर के मूल आधार हैं और ब्रह्माण्ड का कोई भी कार्य इनकी कृपा के बिना नहीं होता है. ईश्वर की स्वीकृति और सहायता के बिना कोई भी योजना न बन सकती है और न ही पूरी हो सकती है. परम पिता परमेश्वर की कृपा एवं गुरु का आशीर्वाद पात्र धर्मार्थी पुरुष की शक्ति तथा उसके प्रयासों को अत्यंत प्रभावशाली बना देता हैं. ईश्वर द्वारा सृजित मानव प्राणी परमात्मा को कोई भी चीज वस्तु देने सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि जीवन में अचानक लाभ प्राप्त होना या फिर आया हुआ संकट टल जाना, घटनाओं का पूर्वाभास होना, इस प्रकार के बहुत सारे संकेत इस बात की पुष्टि करते हैं कि भक्तों पर दैवीय शक्ति सहायक है. कार्यक्रम के बाद भंडारा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की आयोजनकर्ता बागेश्वरी देवी थी. कार्यक्रम के दौरान विनय बाबा, निरंजन गुप्ता, मेघ लाल यादव, शंभु यादव, शकल देव पासवान, द्रोपदी देवी, कुंती देवी, राम नरेश भगत आदि लोगों के साथ दर्जनों सत्संगी उपस्थित थे.
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