ठाकुरगंज. ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पर महाकुम्भ का पवित्र स्नान संगम में करने के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की हर दिन भीड़ उमड़ रही है. स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक हो रही कि अन्य यात्री ट्रेन में सवार नहीं हो पा रहे. उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है. हालांकि यह हाल तब है जब प्रयागराज जाने वाली महानंदा एक्सप्रेस को पिछले कई दिनों से लगातार रिशिड्यूल किया जा रहा है और रिशिड्यूल का समय बीस घंटे से 30 घंटे तक रहा . 18 फ़रवरी को 22 घंटा रिशिड्यूल की गई यह ट्रेन ठाकुरगंज 32 घंटा लेट पहुंची. वहीं तो 19 फ़रवरी को 12 घंटा रिशिड्यूल की गई यह ट्रेन 18 घंटा लेट ठाकुरगंज पहुंची. वहीं फिर 20 फ़रवरी को 11 घंटा रिशिड्यूल की गई महानंदा एक्सप्रेस 18 घंटा लेट ठाकुरगंज पहुंची. जो ट्रेन 20 फ़रवरी गुरुवार को ठाकुरगंज आना था वह 21 फ़रवरी शुक्रवार को ठाकुरगंज पहुंची. महाकुंभ के चलते प्रयागराज में अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने की एक्सरसाइज बता रहे है. रेलवे के अधिकारी ट्रेनों को रिशिड्यूल करने की कोई वजह नहीं बता रहे है. लेकिन रिशिड्यूल होने लेट होने का कोई असर श्रद्धालु पर नहीं पड़ रहा है. बड़ी संख्या मे श्रद्धालु ट्रेन के जरिये प्रयागराज की तरफ प्रस्थान कर रहे है. शुक्रवार को भी प्रयागराज जानेवाले श्रद्धालुओं की रेलवे स्टेशनों पर भीड़ थी. शुक्रवार को सुबह और शाम दोनों वक्त महानंदा एक्सप्रेस के रहने के बावजूद स्टेशन पर भीड़ देखी गई. ठाकुरगंज स्टेशन पर ट्रेन पहुंचते ही श्रद्धालु चढ़ने के लिए आपाधापी करने लगे. प्रयागराज की ओर से आनेवाली ट्रेनों में भी काफी भीड़ देखी जा रही है. काफी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर लौट भी रहे हैं. स्टेशन सूत्रों ने बताया की हरेक स्टेशन पर ट्रेन को निर्धारित समय से पांच मिनट अधिक खडी रखने का आदेश है ताकि ज्यादा अफरातफरी न हो. स्टेशन पर सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान के साथ स्थानीय पुलिस बल भी तैनात दिखी. बताते चले महाकुंभ स्नान के मद्देनजर काउंटर से 30 प्रतिशत टिकट बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऑनलाइन टिकट को जोड़ दें तो यह लगभग 60 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. लोगो ने बताया की पवित्र स्नान को लेकर स्टेशन पर जिस तरह जाने के लिए यात्रियों की संख्या में बेहतशा बढ़ोतरी हो गई है उस हिसाब से रेल विभाग व्यवस्था नहीं कर पा रही है. हेल्प डेस्क नहीं बनाया गया है. वहीं बिना टिकट के भी यात्री काफी संख्या में रहते हैं. सुरक्षा का जिम्मा आरपीएफ जवानों की है. स्टेशन पर उनकी संख्या 4-5 होने के कारण भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

