मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव रामनवमी को लेकर पूरा इलाका राममय हो गया. फिजा में जयश्री राम के बोल गूंज रहे थे. जगह-जगह पर हो रहे भजन-संकीर्तन व यज्ञ से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. जिले में कई जगहों पर विभिन्न ¨हिंदू संगठनों व धर्मावलंबियों ने रामनवमी के पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली.
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राममय हुआ शहर, गूंजे जय श्रीराम के जयकारे
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव रामनवमी को लेकर पूरा इलाका राममय हो गया. फिजा में जयश्री राम के बोल गूंज रहे थे. जगह-जगह पर हो रहे भजन-संकीर्तन व यज्ञ से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. जिले में कई जगहों पर विभिन्न ¨हिंदू संगठनों व धर्मावलंबियों ने रामनवमी के पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली. किशनगंज […]
किशनगंज : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव रामनवमी को लेकर पूरा इलाका राममय हो गया है. फिजा में जयश्री राम के बोल गूंज रहे हैं. जगह-जगह पर हो रहे भजन-संकीर्तन व यज्ञ को लेकर पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. जिले में कई जगहों पर विभिन्न ¨हिंदू संगठनों व धर्मावलंबियों ने रामनवमी में भव्य शोभायात्रा निकाली.जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में बुधवार को श्रीरामनवमी की धूम है. जिला मुख्यालय बाजार में रामनवमी पर्व को ले ऋषि भवन तेघरिया से विशाल जुलूस निकाली गयी.बजरंग दल, अभाविप, विश्व हिन्दू परिषद के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बैंड बाजे के साथ बाइक जुलूस भी निकाला.
जुलूस ऋषिभवन से उत्तर ठाकुरबाड़ी रोड, धर्मशाला रोड, चांदनी चौक होते हुए नेमचंद रोड, गांधी चौक होते हुए अस्पताल रोड, डे मार्केट, रेलवे कॉलनी, महावीर मार्ग, धरमगंज, मेडिकल कालेज रोड आदि इलाके से गुजरा जो दोपहर को भूतनाथ गौशाला पहुंचा. यहां बताते दें कि सुबह से ही युवाओं की टोली तेघरिया स्थित ऋषिभवन पहुंचने लगी थी. क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या महिलाएं सब ऋषि भवन की ओर निकल पड़े. देखते ही देखते हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो गये.
पूर्वाह्न 10:00 बजे शोभा यात्रा निकाली गयी. पूरा शहर जय श्रीराम के नारों से गूंजायमान हो उठा.सड़कों पर आकर्षक झांकियां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी. श्रीरामनवमी के पावन अवसर पर सुबह से ही जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंडों के प्रमुख मंदिरों में पूजा- अर्चना की जा रही थी. सुबह से ही श्रद्धालु भगवान का दर्शन करने के लिए मंदिरों के बाहर कतार में खड़े थे. कतार में लगकर आम लोगों के साथ ही खास लोग भी प्रभु श्रीराम के साथ भगवान हनुमानजी की पूजा अर्चना कर रहे थे.
भगवा पताके से सज गयी किशनगंज की सड़कें : पहली बार किशनगंज में परम सनातन धर्म पर्व रामनवमी को लेकर विशाल भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. इस क्रम में गंगा-जमुनी तहजीब के महत्व से लबरेज किशनगंज के विभिन्न मंदिरों में लोग उमड़ पड़े. रामनवमी में पूरा शहर भगवा पताका से सजी रही.
वहीं दूसरी ओर किशनगंज बजरंग दल व सर्वदलीय संगठनों के आह्वान पर रामनवमी की विराट शोभा यात्रा का भव्य आयोजनकिया गया. जिसमें किशनगंज के विभिन्न चौक-चौराहों से लेकर सभी घरों, प्रतिष्ठानों व अन्य स्थानों पर लघु ध्वज लगाया गया है. बताते चलें कि इस विराट शोभा यात्रा को लेकर पूरे शहर भर में लगाए गए लघु ध्वज पताका से लबरेज होने से राजगीर केसरिया मय हो गया है.
अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज में रामनवमी के अवसर पर निकले ऐतिहासिक भव्य जुलूस में सर्वधर्म सद्भाव का बेजोर संगम दिखाई दिया़ जुलूस में हिंदू धर्मावलंबियों के साथ मुसलिम एवं सिख धर्मावलंबियों के बुद्धिजीवी शामिल होकर आपसी भाईचारा एवं गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश किया़ जय श्री राम का भव्य हजारों हिंदू युवा के सैलाब के आगे आगे नागरिक एकता मंच के अध्यक्ष सिकंदर सिंह, सचिव कमरूल होदा के अलावे उस्मान गनी, मो कलीमुद्दीन, त्रिलोक चंद जैन, बुलंद अख्तर हाशमी, समशुज्जमा उर्फ पप्पू, इरफान खान, गुलरेज रौशन रहान, मिक्की साहा, असगर अली पीटर, परवेज आलम उर्फ गुड्डू, हरीराम अग्रवाल, पवन काला आदि अन्य कई लोग अगुवाई कर रहे थे़
इस वर्ष बजरंग दल की ओर से गौशाला में प्रसाद की व्यवस्था की गयी थी. हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. इसके अलावे गांधी चौक, धरमगंज चौक व पूरब पाली में शरबत की व्यवस्था की गयी थी. इस कार्य में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता लगे हुए थे. चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि को शहर के विभिन्न पूजा स्थलों में सुबह से पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
पूरा शहर माता की आराधना में डूबा था. माता की पूजा अश्विन मास के बाद चैत्र मास में व्यापक एवं अधिकांश स्थानों पर होती है. प्रतिमा स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना होती है. नवमी को बड़ी कोठी मंदिर,शीतला मंदिर,खगड़ा चैती दुर्गा मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर बढ़ गयी कि लोगों ने कतारबद्ध होकर पूजा की. गुरुवार को दशमी तिथि की पूजा के बाद विसर्जन कर दिया जायेगा.
बहादुरगंज प्रतिनिधि के अनुसार बहादुरगंज में रामनवमी में पहली बार ऐतिहासिक शोभा यात्रा निकाली गयी. शोभा यात्रा रसल हाई स्कूल मैदान से शुरु होकर नगर के विभिन्न रास्तों से गुजर कर पुन: स्कूल मैदान में समाप्त हो गयी.जुलूस के लिए पुलिस बल की भारी संख्या दिखी.जबकि बहादुरगंज के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर आफताब अहमद एवं दिघलवैंक थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार जुलूस के साथ चल रहे थे. वहीं जुलूस निकलने बाले सभी चौक चौराहों पर पुलिस पदाधिकारी सहित सशस्त्र बल की तैनाती की गयी थी.
पाठमारी प्रतिनिधि के अनुसार रामनवमी के अवसर पर पहली बार निकली शोभायात्रा में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शोभायात्रा में गेरुआ वस्त्र पहने लोगों की भागीदारी जहां आकर्षण का केंद्र थी. वहीं इन युवाओं द्वारा जय श्रीराम के नारे लगाये जा रहे थे. जिससे पूरा महौल राममय हो गया था. शोभायात्रा में आने वाले नगर पंचायत चुनाव की आहट भी साफ दिखी. नगर के हर वार्ड के संभावित उम्मीदवारों की सक्रियता बुधवार के शोभायात्रा में साफ देखी जा रही थी. वही शोभायात्रा में लग रहे नारे राज तिलक की करो तैयारी आ रहे है भगवाधारी. एक ही नारा एक ही नाम जय श्री राम जय श्री राम. जैसे नारे पर युवाओं का जोश देखते ही बनते था.
ठाकुरगंज प्रतिनिधि के अनुसार व्यवसायियों द्वारा बुधवार को अपने प्रतिष्ठानों में नये खाता बही का पूजन किया गया. बताते चले रामनवमी को आम तौर पर भारतीय संस्कृति में व्यापारी प्रतिष्ठानों के स्वामी अपने बही खाता का पूजन रामनवमी के अवसर पर करते है. इस अवसर पर व्यापारी अपने ग्राहकों को आमंत्रित करते है और ग्राहक भी इस दिन पहुंच कर अपने बकाया का भुगतान करते है. व्यापारियों के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है वे इस दिन को वित्तीय दिवस का आरंभ मानते हुए पुराने बही खाते को बदल कर नये बही खाते का पूजन करते है.
मंदिर में गाड़े गये 500 बड़े और 5000 हजार छोटे ध्वज
शहर में 500 बड़े और 5000 हजार छोटे ध्वज लगाए गये थे. शहर की तरफ आने वाली सभी सड़कें सजा दी गई थी. शहर के रूईधासा हनुमान मंदिर, रेलवे बजरंग बली मंदिर, विष्णु मंदिर, धरमगंज, खगड़ा, ढेकसरा के अलावे शरह के अन्य मंदिरों में ध्वाज लगाये गये.
क्यों मनाया जाता है रामनवमी
पंडित भास्कर ने बताया कि कौशल्या माता की कोख से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. इसलिए यह तिथि रामनवमी के नाम से जाना जाता है. भारतीय जनमानस में यह दिन परम पुण्य पर्व माना जाता है. कहा जाता है कि महाकवि तुलसीदास ने भी इसी दिन से रामचरितमानस की रचना प्रारंभ की थी. यह पर्व राम भक्तों के लिए तो अत्यंत महत्वपूर्ण है.
इस व्रत को धारण कर हमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरित्र के आदर्शो को अपनाना चाहिए. भगवान राम की गुरु सेवाएं जाति-पाति के भेदभाव को मिटाना, शरणागत की रक्षा करना, भ्रातृ प्रेम, मातृ पितृ भक्ति, एक पत्निव्रत पवनसुत हनुमान व अंगद की स्वामी भक्ति, गिद्धराज की कर्तव्यनिष्ठा तथा केवट आदि के चरित्रों की महानता को अपनाना चाहिए। तभी सभी सही मायनों में भगवान श्री राम की असीम कृपा का पात्र का भागी लोग बन पाते हैं.
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