नशामुक्ति केंद्र का निर्माण पूरा
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अभियान . मद्य निषेध को लेकर प्रशासनिक तैयारी जारी
नशामुक्ति केंद्र का निर्माण पूरा राज्य सरकार के मद्य निषेध अभियान को सफल बनाने को ले जिला प्रशासन अभी से ही चाक-चौबंद व्यवस्था में जुट गया है. आदतन शराबियों को चिह्नित करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा स्थानीय सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र की व्यवस्था कार्य प्रगति पर है. […]
राज्य सरकार के मद्य निषेध अभियान को सफल बनाने को ले जिला प्रशासन अभी से ही चाक-चौबंद व्यवस्था में जुट गया है. आदतन शराबियों को चिह्नित करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा स्थानीय सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र की व्यवस्था कार्य प्रगति पर है.
किशनगंज : आगामी एक अप्रैल से सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू करने व शराब की गिरफ्त में आये लोगों को शराब मुक्त करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है. अवैध शराब विक्रेताओं व शराबियों की धर पकड़ के लिए जहां राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन को जीपीएस सिस्टम युक्त वाहन उपलब्ध करा दिये गये हैं.
नशा मुक्ति केंद्र कार्य प्रगति पर
स्थानीय सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है. आगामी एक अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती मरीजों के लिए कई खास प्रकार के इंतजाम किये जा रहे हैं. इस केंद्र में भर्ती मरीजों को जहां एसी की सुविधा प्रदान की जायेगी. उनके मनोरंजन के लिए एलइडी टीवी का भी इंतजाम किया गया है. इतना ही नहीं भर्ती अवधि के दौरान मरीजों को सरकार द्वारा पौष्टिक भोजन भी मुहैया कराया जायेगा. इस केंद्र के निर्माण के लिए सरकार द्वारा आवंटित 20 लाख रुपयों में से 10 बेड के केंद्र का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि 5 लाख रुपये के उपस्कर व 2 लाख रुपये की दवाईयों की खरीद का काम भी लगभग पूरा कर लिया गया है.
केंद्र की खिड़कियों में लगाये जायेंगे फाइबर
केंद्र के खिड़की व दरवाजों पर मजबूत लोहे की ग्रिल लगाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. नशा मुक्ति के दौरान भर्ती मरीजों को आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के लिए खिड़कियों में शीशे के स्थान पर फाइबर ग्लास लगाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है.
इतना ही नहीं सुरक्षा के मद्देनजर कमरे में लगे पंखे के हुक खिड़की व दरवाजों की कुंडियों के साथ-साथ बिजली के बोर्ड को भी कमरे से बाहर कर दिया गया है.
लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
इतना ही नहीं भरती मरीजों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखने के लिए वार्ड के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा दिया गया है.
पुलिस व प्रशासन की जिम्मेवारी
शहरी क्षेत्र के शराबियों की पहचान का जिम्मा जहां प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ-साथ स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के शराबियों की पहचान की जिम्मेवारी आशा कार्यकर्ताओं को सौंप दी गयी है. आदतन शराबियों की पहचान के लिए गाइड लाइन भी तैयार किया गया है, जिसके अनुसार शराबी व उसके परिवार जनों से वार्ता कर आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर आदतन शराबियों की पहचान कर उन्हें नशा मुक्त करने के लिए नशा मुक्ति केंद्र भेज दिया जायेगा.
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