किशनगंज : साल के अंतिम सप्ताह में ठंड ने सितम ढाना शुरू कर दिया है. दो-तीन दिनों से कड़ाके की पड़ रही सर्दी से मंगलवार को वातावरण में कोहरे का दबाव बढ़ा हुआ था. दिन के आधे पहर तक सूर्यदेव भी कोहरे की आगोश में छिपे रहे. बढ़ी ठंड गलन का अहसास करा रही थी. […]
किशनगंज : साल के अंतिम सप्ताह में ठंड ने सितम ढाना शुरू कर दिया है. दो-तीन दिनों से कड़ाके की पड़ रही सर्दी से मंगलवार को वातावरण में कोहरे का दबाव बढ़ा हुआ था. दिन के आधे पहर तक सूर्यदेव भी कोहरे की आगोश में छिपे रहे. बढ़ी ठंड गलन का अहसास करा रही थी. जिसका सीधा असर परिचालन पर भी पड़ा. दूर-दराज से बाजार में लोगों का आगमन भी कम हुआ. इसकी तस्दीक बसों में आ रही सवारी से भी हो रही थी. ठंड के चलते अन्य दिनों की अपेक्षा शहर में चहल-पहल भी कम थी.
व्यवसायियों ने बताया कि ग्राहकी कमजोर होने से उनका व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है. इस दौरान कुछ व्यवसायी एकत्रित हो अलाव जलाकर हाथ सेंकते भी दिखे. कुल मिलाकर फिलहाल बढ़ी ठंड ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है.
गत वर्ष से अधिक पड़ रही ठंड: कई लोग यह मानते हैं कि इस बार ठंड कम पड़ रही है. जबकि, पूर्व के वर्षों में ठंड अधिक पड़ती थी. लेकिन ऐसा नहीं है. कृषि विज्ञान केंद्र से मौसम संबंधित मिली जानकारी के अनुसार इन तारीखों में इस बार सर्दी कड़ाके की पड़ रही है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2016 में जहां अधिकतम तापमान का ग्राफ लगभग 33 डिग्री सेल्सियस बने हुए था. वो इस वर्ष 8 से 10 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है. वहीं, न्यूनतम तापक्रम इन तारीखों में जहां गत वर्ष 10 से 11 डिग्री सेल्सियस के इर्द-गिर्द आंका गया था.फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार कोहरा गत वर्ष की तुलना में बीते दिनों में कम पड़ा है.