महिला संवाद में सरकारी योजनाओं की दी गयी जानकारी, सरकारी योजनाओं की सफलता की बनी गवाह
सरकार की योजनाओं को बताया जीवन बदलने वाला कदम, गांव की बेटियों ने कही अब पहचान हमारी अपनीगोगरी. प्रखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए देवठा, बलतारा, पैकांत, पौरा, वासुदेवपुर, शेरचकला, इटहरी, महेशखूंट, बन्नी और पंचायत भवन पितौंझिया में शनिवार को दूसरे दिन महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए शुरू की गयी है. राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना है. कार्यक्रम का उद्देश्य लाभार्थी महिलाओं के साथ संवाद कर योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करना है. कार्यक्रम में बीते 20 सालों के बिहार के विकास कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म दिखायी गयी. इसके बाद योजनाओं से लाभान्वित महिलाओं ने अपनी कहानियां साझा की. कार्यक्रम में भाग ले रही महिलाओं ने कहा कि सरकारी योजनाओं से उनकी जिंदगी में बदलाव आया है. महिलाएं अब केवल परिवार तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि वे अब गांव और समाज के विकास में भागीदारी की आकांक्षा रखती है. बीडीओ राजाराम पंडित, स्वच्छता पर्यवेक्षक आवेश कुमार ने महिलाओं से सुझाव लिए ताकि योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सके. महिलाओं ने सार्वजनिक शौचालय, जीविका भवन और बारात घर जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग की. बीडीओ ने कहा कि महीनों तक चलने वाली महिला संवाद कार्यक्रम का लक्ष्य है. ग्रामीण महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उन्हें सशक्त बनाना है.
योजनाओं से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है, आर्थिक व सामाजिक सहायता भी मिल रही
कार्यक्रम सभी प्रखंडों में एक साथ शुरू हुआ है. हर प्रखंड में दो-दो ग्राम संगठनों में रोजाना सुबह-शाम आयोजित किया जा रहा है. प्रत्येक स्थान पर 200-250 महिलाएं हिस्सा ले रही है. महिलाओं को महिला सशक्तिकरण नीति, महिला आरक्षण, नशामुक्ति अभियान, दहेज व बाल विवाह उन्मूलन, जीविका योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, बालिका पोशाक योजना जैसी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. जीविका के जरिए महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है और उन्हें आर्थिक व सामाजिक सहायता मिल रही है. महिला संवाद कार्यक्रम न सिर्फ योजनाओं की जानकारी देने का माध्यम बन रही है, बल्कि यह महिलाओं को अपने सपनों की उड़ान भरने की हिम्मत भी दे रही है. बिहार में पूर्ण नशाबंदी योजना से संतुष्ट महिलाओं ने घरेलू हिंसा में काफी कमी आने की बात कही. दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन व घरेलू रोजगार से जुड़े महिलाओं के अलावा कई गृहणियों ने सरकार के क्रियाकलापों पर संतोष प्रकट किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है