परची कटाने के लिए महिला मरीजों को घंटों कतार में होना पड़ता है खड़ा गोगरी. जिले की तापमान में सोमवार को बढ़ोतरी हुयी है. बढ़ती गर्मी व चिलचिलाती धूप ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. लोग धूप से बचने के लिए पेड़ व छाया का सहारा ले रहे हैं. लेकिन,गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों व अभिभावकों को चिलचिलाती धूप से बचने का सहारा नहीं है. महिला मरीज सोमवार को अस्पताल प्रबंधक को कोसते हुए नजर आए. अनुमंडलीय अस्पताल में महिलाओं को पुर्जा और टोकन काउंटर पर शेड तक की व्यवस्था नहीं रहने के खासे परेशानी झेलना पड़ रहा है. मरीज के साथ-साथ नवजात शिशु को भी चिलचिलाती धूप में घंटों खड़ी रहती है. अस्पताल की बदहाल स्थिति मरीज खासे परेशान हैं. गोगरी प्रखंड के मीरगंज निवासी बेबी देवी ने बताया कि महिलाओं के लिए व्यवस्था नहीं है. महिला मरीज व अभिभावकों को चिलचिलाती धूप में खड़ा होकर दवाई लेने पड़ती है. कहा कि अस्पताल प्रबंधन को महिलाओं और बुजुर्गों का कोई परवाह नहीं है. राटन निवासी शिला कुमारी ने बताया कि टोकन लेने के चक्कर में यहां प्राय: घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. जिसके कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. कभी-कभी तो लगता है कि गश्त खाकर गिर जाते हैं. गोगरी निवासी नेहा परवीन ने बताया कि छोटा बच्चे को गोद में लेकर घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. उनके साथ- साथ बच्चे को भी खासे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पता नहीं बरसात के दिनों में टोकन काउंटर पर महिलाओं कैसे दवा लेंगे. फुदकिचक निवासी पूजा देवी ने बताया कि बुजुर्ग, महिला, बच्चों और पुरुषों के लिए यहां शेड की व्यवस्था किया जाना चाहिए था. अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज और परिजन के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि पहले देख लेते हैं कि टोकन काउंटर की क्या स्थिति है. उसके बाद सीएस और मैनेजर से बात करेंगे. शेड के लिए क्या व्यवस्था किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है