खगड़िया. स्थानीय कोसी कॉलेज परिसर स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास में सौ बेड का छात्रावास है. वर्तमान में 65 छात्र छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रावास में रहने वाले बॉयज अल्पसंख्यक छात्रों को नि:शुल्क बेड, पानी, बिजली, पुस्तकालय, वाईफाई सहित अन्य सुविधाएं दी जाती है. इसके अलावा रह रहे छात्रों को अनाज में चावल व गेहूं देने की प्रावधान है, लेकिन छात्रों को बीते एक वर्ष से अनाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. छात्रावास में रहने वाले छात्रों को खाना के लिए बाजार से खरीदना पड़ता है. मालूम हो कि छात्रों को 15 किलो खाद्यान्न व प्रतिमाह एक हजार रुपये प्रति छात्र देने का प्रावधान है. इसके लिए छात्रों को प्रतिदिन बॉयोमेट्रिक से उपस्थिति बनानी पड़ती है. अगर 22 दिनों तक छात्र छात्रावास में उपस्थित रहते हैं, तो उन्हें राशन व एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगी. अन्यथा छात्रों को इस योजना से वंचित रहना पड़ेगा.
एक साल से हॉस्टल के छात्रों को नहीं मिल रहा है खाद्यान्न
अल्पसंख्यक बॉयज छात्रावास में रहकर पढ़ने वाले छात्रों को बीते एक वर्ष से खाद्यान्न नहीं मिल रहा है. इसके कारण गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर छात्र परेशान हैं. पीजी के छात्र मो परवेज ने बताया कि छात्रावास में कई तरह की समस्या है. वर्ष 2024 मार्च माह से ही छात्रावास के छात्रों को खाद्यन्न नहीं मिल रहा है. बताया कि प्रत्येक छात्र को प्रतिमाह 15 किलो खाद्यान्न देने का प्रावधान है, जिसमें 9 किलो चावल व 6 किलो गेहूं दिया जाता है. लेकिन, बीते एक वर्ष से छात्रावास के छात्रों को खाद्यन्न नहीं मिल रहा है. छात्रों को दुकान से चावल व गेहूं खरीदना पड़ता है. इसके कारण अभिभावक पर आर्थिक दबाव बढ़ता है.पानी, बिजली व साफ-सफाई की है दरकार
अल्पसंख्यक छात्रावास में रह रहे पीजी के छात्र मो परवेज ने बताया कि छात्रावास के पीछे जंगल हो गया है. जलजमाव व गंदगी का अंबार लगा हुआ है. छात्रों ने बताया कि इसके अलावे बिजली कटने पर अंधेरे में रहना पड़ता है. बताया कि छात्रावास परिसर में जेनरेटर उपलब्ध है. लेकिन, महीनों से खराब है. बताया कि सरकार द्वारा एक हजार रुपया प्रतिमाह मिलता है, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिमाह तीन सौ रुपया ले लिया जाता है. उन्होंने कहा कि सात सौ रुपया में कैसे घर से दूर रहकर पढ़ाई कर सकते हैं. बताया कि किसी काम को लेकर बाहर जाते हैं तो 22 दिनों की उपस्थिति नहीं बनती है तो वो भी रुपया नहीं मिलता है. अल्पसंख्यक छात्रावास की तरफ से तीन सौ रुपये की रसीद थमा दिया जाता है.कहते हैं अल्पसंख्यक पदाधिकारी
जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि छात्रों का अनाज बंद है. क्योंकि छात्रावास में दो तिहाई ओबीसी छात्र नहीं है. 50 प्रतिशत समान्य छात्रों की संख्या है. दो तिहाई छात्र रहने पर ही अनाज की सुविधा मिल पायेगी. जेनरेटर चालू करने में छह लीटर तेल की खपत होती है. इसके लिए छात्रों को वापस में यूनिटी बनाकर तेल उपलब्ध कराने को कहा गया. लेकिन, छात्र तैयार नहीं हुए है.
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