नौ कट्ठा खरीद की जमीन की दाखिल खारिज के लिए मांग रहे रुपये
——-मामला सदर प्रखंड के माड़र उत्तरी पंचायत के सबलपुर गांव का
———-राजस्व कर्मचारी अवैध तरिके से कार्यालय खोलकर भू-स्वामी से कर रहा वसूली
खगड़िया. जिले में जमीनी विवाद सुलझाने के बदले राजस्व कर्मचारी उलझाने में लगे हुए हैं. बिना चढ़ावा का राजस्व कर्मचारी हो या सर्वे अमीन एक भी काम करने को तैयार नहीं है. जरूरतमंद लोग अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक जाते हैं. अंत में राजस्व कर्मी व सर्वे अमीन की डिमांड पूरा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. यह समस्या अंचल कार्यालय में बैठे दर्जनों लोगों की है. बीते एक सप्ताह से जरूरमंद भू-स्वामी अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक गए हैं. फरियाद करें तो किस से. अंत में एक भू-स्वामी ने राजस्व कर्मचारी के कारनामे की जानकारी प्रभारी डीएम को दिया. हालांकि भू-स्वामी की समस्याओं का समाधान होगा की नहीं यह तो वक्त बतायेगा.दाखिल खारिज के नाम पर भू-स्वामी को किया जा रहा परेशान
दाखिल खारिज के लिए परेशान भू-स्वामी आजाद हुसैन ने बताया कि जमीनी दस्तावेज का शुद्धिकरण, दाखिल खारिज, रसीद कटाने व परिमार्जन विवाद निष्पादन के लिए सीओ व कर्मचारी के पास जाते हैं. इसी का फायदा उठाकर हल्का कर्मचारी व उसके निजी कर्मी भू-स्वामियों का बिना चढ़ावा लिए काम नहीं किया जाता है. कहा कि वसूली में अंचल के बाबुओं का भी हाथ रहता है. उन्होंने बताया कि दाखिल खारिज आवेदन के 45 दिनों के अंदर मामले को निष्पादन करने का नियम है. लेकिन, सीओ व हल्का कर्मचारी द्वारा महिनों में दाखिल खारिज नहीं कर पाते हैं. जब विवाद बढ़ जाता है तो वसूली कर मामला का निष्पादन कर दिया जाता है. सदर प्रखंड के माड़र उत्तरी पंचायत के सबलपुर निवासी स्व. समसुल होदा के पुत्र मो. आजाद हुसैन ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर कहा कि दाखिल-खारिज करने के एवज में राजस्व कर्मचारी एवं उसके बिचौलिया द्वारा एक लाख रुपये की मांग किया गया. कहा कि 4 सितंबर 2025 को जमीन की दाखिल-खारिज के लिए केबाला व वंशावली प्रमाण-पत्र की छायाप्रति संलग्न कर आनलाइन आवेदन किए थे. लेकिन, आज तक कोई अग्रेतर कार्रवाई नहीं की गयी.
बिचौलिया के माध्यम से लिया 20 हजार रुपये, अब तक नहीं किया दाखिल खारिज
पीड़ित ने बताया कि बिचौलिया के माध्यम से एक लाख रुपये में 20 हजार रुपये लिया गया है. उसके बावजूद दाखिल खारिज नहीं किया गया है. कहा कि जब उक्त कार्य के संबंध में राजस्व कर्मचारी से संपर्क किए तो राजस्व कर्मचारी राजीव कुमार द्वारा दाखिल-खारिज के लिए एक लाख रुपये की मांग की. राजस्व कर्मचारी ने कहा कि बिचौलिया मो. आलम के पास रुपये जमा कर दें तभी दाखिल-खारिज होगा अन्यथा नहीं होगा. पीड़ित ने कहा कि मो. आलम से बात किए तो एक लाख रुपये देना ही होगा तभी दाखिल-खारिज होगा. रुपये लेन देन का ऑडियो कैसेट का पैन ड्राईव का कॉपी आवेदन के साथ डीएम व सदर विधायक को दिया गया है. उन्होंने डीएम से राजस्व कर्मचारी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है.निजी मकान में संचालित होता है अवैध कार्यालय
बताया जाता है कि राजस्व कर्मचारी का सरकारी कार्यालय नहीं है. निजी मकान में किराए के मकान में राजस्व कार्यालय संचालित किया जा रहा है. बताया जाता है कि राजस्व कर्मचारी द्वारा खास व्यक्ति को सरकारी दस्तावेज देख रेख के लिए रखा जाता है. लोगों ने आरोप लगाया कि राजस्व कर्मचारी द्वारा पीड़ित व्यक्ति को कार्यालय बुलाकर आर्थिक दोहन किया जाता है. जो काम एक दिन में करना होता है. उसे महिनों में पूरा नहीं करते हैं. जिसके बाद बिचौलिया के माध्यम से भू-स्वामी से आर्थिक दोहन किया जाता है. बताया जाता है कि जमीन का केबाला शुद्धिकरण, रसीद काटने, दाखिल खारीज आदि कार्य के नाम पर भू-स्वामी को परेशान किया जाता है. बताया जाता है कि राजस्व कर्मचारी की लापरवाही के कारण जमीन विवाद उलझा रहता है.
कहते हैं राजस्व कर्मचारी
राजस्व कर्मचारी राजीव कुमार ने बताया कि आरोप बेबुनियाद है. दाखिल खारिज की प्रक्रिया में जुटे हैं. काम का बहुत अधिक दबाव है. जमीन की दस्तावेज जांच कर कार्य किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

