Indian Railways: खगड़िया. 1998 में तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने 162 करोड़ की लागत से कुशेश्वरस्थान-खगड़िया रेल परियोजना को स्वीकृति दी थी. इस परियोजना की लंबाई 44 किलोमीटर है. तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान की बजट घोषणा के 26 साल बाद खगड़िया के लोगों का सपना पूरा होने जा रहा है. खगड़िया- कुशेश्वर स्थान रेल खंड के तहत खगड़िया-अलौली के बीच पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन अगले माह से शुरू हो सकता है. पिछले 20 वर्षों में खगड़िया से कुशेश्वर स्थान 44 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना के तहत 18.7 किलोमीटर खगड़िया से अलौली तक ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है. इस परियोजना पर काम पूरा होते ही लोगों को दरभंगा और खगड़िया के बीच सीधा रेल संपर्क कायम हो जायेगा.
पैसेंजर ट्रेन के परिचालन आरंभ होने की जगी उम्मीद
पिछले दिनों इस रेलखंड का रेल मंत्रालय के मुख्य संरक्षा आयुक्त ने ट्रैक और स्टेशन का निरीक्षण किया. साथ ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाकर स्पीड ट्रायल भी किया गया. इसके बाद लोगों को अब इस रेल खंड पर पैसेंजर ट्रेन के परिचालन आरंभ होने की उम्मीद जगी है. इस संबंध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि खगड़िया से कुशेश्वर स्थान 44 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना के तहत 18.7 किलोमीटर, खगड़िया से अलौली तक ही निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है. गत वर्ष से इस रेल खंड पर माल ट्रेन का परिचालन आरंभ किया गया, जो रैक के आवश्यकता के अनुसार ही चल रही है.
अभी भी खगड़िया से कुशेश्वरस्थान आना सपना
इस परियोजना के तहत 7 स्टेशन बनाए जाने हैं, जिसमें पांच स्टेशन खगड़िया जिले में, दो स्टेशन दरभंगा जिले में, और एक स्टेशन समस्तीपुर जिले में बनाया जाना है. करीब 24 साल बाद इस परियोजना में अभी तक सिर्फ 18.7 किलोमीटर अलौली तक रेल ट्रैक और स्टेशन का निर्माण हुआ है. इस परियोजना के तहत नौ बड़े पुल बनने थे. जिस में से चार पुल ही बने हैं, जो अलौली तक बने हैं. आगे का कार्य अभी नहीं हुआ है. बीते वर्ष से खगड़िया और अलौली के बीच माल ट्रेन का परिचालन आरंभ हुआ है, लेकिन 26 साल बाद अब तक पैसेंजर ट्रेन नहीं चली है. अलौली से आगे कुशेश्वर स्थान तक का कार्य अब भी जारी है.

