चौथम. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धुतौली पंचायत के भूतौली गांव में नौ दिवसीय श्री राम कथा के अंतिम दिन शुक्रवार को जनसैलाब उमड़ गया. मौके पर महामंडलेश्वर संत कृष्ण बिहारी दास महाराज ने भगवान परशुराम के जनकपुरी आगमन और सिया राम विवाह की कथा का वर्णन किया. दास महाराज ने शिव धनुष टूटने पर परशुराम के आगमन और फिर सियाराम विवाह की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया. महाराज ने कहा कि किस तरह अयोध्या से गाजे-बाजे के साथ (मिथिला) जनकपुर आयी थी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की बारात. हर तरफ भक्ति के रंग बिखर गए. मांडवी संग भरत , उर्मिला संग लक्ष्मण और श्रुतिकीर्ति संग शत्रुघ्न का विवाह संपन्न हुआ. सीता जी की विदाई हुई. हर श्रद्धालुओं की आंखों से अश्रु धारा बहने लगी. मानों व अपनी बेटी की विदाई की कथा सुन रहे हों. जानकी जी की विदाई पर मिथिलावासियों के साथ पशु -पक्षी भी विलाप करने लगे. संत कृष्ण बिहारी दास महाराज ने भक्तों को क्रोध पर नियंत्रण रखने की सीख दी. बताया कि श्रीराम ने जब शिवजी का धनुष तोड़ा. तब भगवान परशुराम क्रोधित होकर मिथिला नगरी पहुंचे. संत बिहारी दास महाराज ने लक्ष्मण के साथ हुए परशुराम संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि वाणी हमेशा श्रेष्ठ और मधुर होनी चाहिए. जो काम तलवार नहीं करती व वाणी कर देती है. मौके पर मुखिया प्रतिनिधि डॉ दीपक कुमार, महाराज के सहयोगी प्रहलाद दास, सुमन कुमार सौरव, पूर्व प्रमुख नरेश प्रसाद बादल, पूर्व प्रमुख प्रभाकर सिंह, डॉ मनोज कुमार, सतीश प्रसाद, कैलाश तिवारी , चंदन पहलवान, सुरेंद्र यादव , विनय भारती चौरसिया, गौतम कुमार आदि उपस्थित थे.
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