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अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के अप्रोच पथ निर्माण कार्य में आयी तेजी, लोगों में जगी उम्मीद

क्षतिग्रस्त हिस्से के रिकंस्ट्रक्शन में सरकार का नहीं लगेगा पैसा

परबत्ता. बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर अगुवानी-सुल्तानगंज फोर लाइन पुल को लेकर चर्चा तेज हो गई है. लोगों का कहना है कि, एनडीए सरकार के पुनः सत्ता में वापसी बाद जल्द पुल निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद जगी है. अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के एप्रोच पथ का निर्माण कार्य में तेजी लायी गयी है. अगुवानी से पसराहा के बीच निर्माणाधीन एप्रोच पथ में 3 किलोमीटर हिस्से का कार्य पूरा हो चुका है. जबकि तीन किलोमीटर के हिस्से में कालीकरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. एक माइनर ब्रिज सहित सभी भेकैल अंडर पास बनकर तैयार है. वही एनएच 31 पर बनने वाले आरओबी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कंपनी के अधिकारियों की माने तो अगुवानी से पसराहा के बीच करीब 17 किलोमीटर का एप्रोच पथ का निर्माण कार्य किया जाना है. जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

गंगा के जलस्तर घटने पर किया गया शुरू

अगुवानी-सुल्तानंगज पुल का बिहार राज्य पुल निगम स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है. बहरहाल, निर्माण पूरा होने की डेडलाइन को लेकर लोगों में संशय बरकरार है. लोगों का कहना है कि 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिलान्यास किए जाने व 2015 से निर्माण कार्य शुरू होने के बाद अब तक करीब आधा दर्जन से अधिक बार निर्माण पूर्ण होने की तिथि को बढ़ाया जा चुका है. इधर, गंगा नदी का जलस्तर घटने के बाद एक बार फिर निर्माण कार्य शुरू करने की कवायद निर्माण कंपनी एसपी सिंगला द्वारा शुरू किया गया है

क्षतिग्रस्त हिस्से को नए तरीके से बनाया जायेगा

दो बार इसका स्ट्रक्चर धराशायी होने के बाद परिवर्तित सुपर स्ट्रक्चर का कार्य आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ इंजीनियर से प्राप्त तकनीकी परामर्श के अनुसार नींव में आवश्यक सुधार का कार्य शुरू किया गया है. इस बात की जानकारी निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला के अधिकारियों द्वारा दी गयी. जानकारी के मुताबिक पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को नये डिजाइन से बनाया जायेगा. जो केवल आधारित कंपोजिट स्टील बीम का होगा.

आरडीएसओ से ली जा रही मदद

क्षतिग्रस्त पुल के हिस्से का पुनः निर्माण से संबंधित कंपोजिट स्टील बीम गार्डर आदि का निर्माण आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित कार्यशाला में नए डिजाइन के मुताबिक कराया जा रहा है. अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) भारतीय रेलवे के अधीन है. यह रेलवे की बड़ी-छोटी परियोजनाओं में उपकरणों के डिजाइन व मानकीकरण से संबंधित तकनीकी सलाह एवं डिजाइनों का विकास करता है. अब यही संस्था पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से में लगने वाले ढांचे का विकास करने में निर्माण कंपनी को मदद करेगा.

क्षतिग्रस्त हिस्से के रिकंस्ट्रक्शन में सरकार का नहीं लगेगा पैसा

अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच निर्माणाधीन फोर लेन पुल का मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा था. मामले में न्यायालय द्वारा पारित आदेश एवं संवेदक द्वारा दिए गए हलफनामा के मुताबिक क्षतिग्रस्त हुए हिस्से का रिकंस्ट्रक्शन से संबंधित कार्य निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला बिना किसी अतिरिक्त व्यय के पुरा करेगी. मालूम हो कि पुल सह सड़क संपर्क पथ में कुल 1710 करोड रुपए खर्च होने का आरंभिक अनुमान लगाया गया था.

कहते हैं प्रोजेक्ट डायरेक्टर

निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय कुमार सिंह ने बताया कि एप्रोच पथ का कार्य लगातार जारी है. एनएच 31 पर बनने वाले आरओबी के निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है. पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की सफाई का कार्य शुरू किया जायेगा. इसके लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया है.

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