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नहीं मिली पेंशन, अधूरा रह गया घर का सपना

प्रभात चौपाल . वार्ड 13 व 14 के लोगों की समस्या का नहीं हुआ निदान नगर परिषद चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. संभवत : छह अप्रैल को चुनाव आचार संहिता लग जायेगा. चुनावी मौसम में प्रभात खबर ने चौपाल कार्यक्रम के तहत जनता का मन टटोलने की कोशिश की है. चौपाल में […]

प्रभात चौपाल . वार्ड 13 व 14 के लोगों की समस्या का नहीं हुआ निदान

नगर परिषद चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. संभवत : छह अप्रैल को चुनाव आचार संहिता लग जायेगा. चुनावी मौसम में प्रभात खबर ने चौपाल कार्यक्रम के तहत जनता का मन टटोलने की कोशिश की है. चौपाल में ‘ कैसा हो अपना वार्ड ‘ विषय पर जनता ने खुलकर अपनी राय रखी.
खगड़िया : नगर परिषद के वार्ड संख्या 14 से प्रभात खबर के चौपाल कार्यक्रम की शुरुआत हो गयी है. रविवार को वार्ड संख्या 14 में आयोजित चौपाल कार्यक्रम में लोगों ने खुलकर अपने-अपने विचार रखे. इस दौरान जनता का दर्द भी उभर कर सामने आया. किसी को वृद्धापेंशन नहीं मिलने का मलाल था तो कोई आशियाना नहीं मिलने पर नाराजगी का इजहार करते नजर आये. चौपाल में मौजूद लोगों ने विकास के नाम पर ठगने वालों को चुनाव में सबक सिखाने का एलान करते हुए कहा कि वार्ड संख्या 14 में नाली नहीं रहने से बरसात के दिनों में जीना मुश्किल हो जाता है. नाली नहीं रहने से जलनिकासी की समस्या विकराल हो गयी है.
गली-गली में पक्की सड़क व नाली के सपने को साकार नहीं होते देख कई लोगों
ने कहा कि पांच साल में कैसा विकास हुआ इसकी पोल खोलने के लिये चारों ओर जलजमाव का नजारा काफी है. इधर, वार्ड पार्षद सरोजनी देवी कहती हैं कि वार्ड के विकास के लिये उनसे जितना बन पड़ा उन्होंने कर दिखाया है. वार्ड पार्षद ने कहा कि सीमित संसाधन व आवंटन के सहारे वार्ड में चारों ओर विकास की किरण पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया है. सरकारी योजनाओं का लाभ देने में कोई भेदभाव नहीं किया गया है.
मंजू देवी कहती हैं कि वार्ड संख्या 14 में ना सड़क अच्छी है और ना ही जलनिकासी की कोई व्यवस्था है. लिहाजा, बरसात के दिनों में घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क किनारे जमा रहने से उठने वाली दुर्गन्ध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
रामवती देवी न कहा कि सड़क किनारे लाइट की व्यवस्था होनी चाहिये. हर गली में पक्की सड़क का सपना आज भी अधूरा है. जलजमाव की परेशानी से लोगों को नाक पर रुमाल रख चलने की परेशानी से निजात मिल जाता तो काफी अच्छा होता. पानी बहाने के लिये लोगों के बीच आये दिन नोंकझोंक होती रहती है.
वार्ड संख्या 14 निवासी पूनम देवी कहती हैं कि कहने को नगर परिषद में वे लोग रहते हैं सुविधा के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं है. इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या है सुंदर सड़क का नहीं होना. रही सही कसर जलजमाव की परेशानी ने पूरी कर दी है. ऐसे में विकास का दावा खोखला साबित हो रहा है. सड़क किनारे लाइट का सपना भी अधूरा है.
आशा देवी ने दर्द बयां करते हुए कहा कि शहर में रहने के बाद भी शुद्ध पेयजल के लिये लोग आज भी तरस रहे हैं. पैसे वाले लोग तो अपनी व्यवस्था कर लेते हैं लेकिन परेशानी तो गरीबों को ही झेलना पड़ता है. हर परिवार का अपना आशियाना हो तथा हर घर में शौचालय का सपना पूरा करने के लिये जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा.
5. नीलू देवी की अलग ही व्यथा है. वे कहती हैं कि वार्ड संख्या 14 के लोगों ने तो विकास की आस ही छोड़ दी है. सिर्फ आश्वासन के सहारे कब तक लोगों को ठगा जाता रहेगा. इस बार के चुनाव में जनता ने पांच साल का हिसाब लेने का मन बना लिया है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि पांच साल में एक नाली तक नसीब नहीं होना विकास का सच बयां करने के लिये काफी है.
वार्ड संख्या 14 की संभावित प्रत्याशी सह वर्तमान में वार्ड संख्या 13 की पार्षद पार्वती देवी कहती हैं कि पांच साल में उन्होंने अपने वार्ड को चमकाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है. अब बारी है वार्ड संख्या 14 की. इस बार वार्ड संख्या 14 की जनता अगर उन्हें जीत का सेहरा पहनायेगी तो इसे भी वार्ड संख्या 13 की तरह विकास में नंबर वन बनाया जायेगा.
सड़क से लेकर नाली तक व्यवस्था करेंगे.
काजो देवी ने सड़क किनारे जमा गंदा पानी को दिखाते हुए कहती हैं कि यही है विकास. नाक पर रुमाल रख कर चलना लोगों की नियति बन गयी है. आखिर विकास कहां और क्या-क्या हुआ यह नजर तो आना चाहिये. साथ ही लोगों को विकास का एहसास भी होना जरूरी है. सिर्फ वादे के सहारे जनता को कब तक ठगा जाता रहेगा.
शुकंतला देवी ने कहा कि बिजली कनेक्शन लिये थे. अनापशनाप बिल देकर लाइन डिसकनेक्ट कर दिया गया. कार्यालय में दौड़ लगाते लगाते थक गये लेकिन अभी तक घर रोशन नहीं हो पाया है. पानी के लिये शुद्ध पानी का अभाव है. घर के आगे गंदा पानी जमा है. कोई देखने वाला नहीं है.
नंदनी देवी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि वृद्धापेंशन के लिये सालों से चक्कर लगा-लगा कर अब थक गये हैं. लगता है मरने के बाद ही पेंशन स्वीकृत होगा. आखिर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये जनप्रतिनिधियों को आगे आने में क्या परेशानी है. सिर्फ वोट के वक्त लुभावने वादे से क्या पेट भर जायेगा.
उपेन्द्र साह ने कहा कि पाई-पाई जोड़ कर शहर में जमीन लेकर घर बनाये लेकिन अब रास्ता नहीं रहने से घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है. कई बार फरियाद लगाये लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. जलनिकासी की समुचित व्यवस्था के अभाव में लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. सुंद सड़क आज भी सपना बना हुआ है.
त्रिभुवन कुमार कहते हैं कि चमचम सड़क, रोशनी की समुचित व्यवस्था, जलनिकासी के ठोस उपाय जब तक नहीं होंगे तब वार्ड की विकास की बात बेइमानी है. पांच बरसों में ऐसा कुछ नहीं हो पाया है. कोई गंदे पानी से परेशान है तो किसी को आशियाना नहीं मिलने का मलाल है. आखिर दर्द बांटने वाला वार्ड पार्षद इस क्षेत्र को कब नसीब होगा?
वार्ड संख्या 13 के पार्षद प्रतिनिधि राजीव यादव ने कहा कि वार्ड में चारों ओर विकास किया गया है. हर घर को किसी ना किसी रूप में सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया है. चाहे वह सड़क निर्माण की बात हो या फिर खाद्य सुरक्षा से लेकर वृद्धापेंशन का लाभ देना का मामला. नाला निर्माण से लेकर सड़कों का जाल बिछाया गया है. शौचालय निर्माण पर 4.80 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. अब वार्ड संख्या 14 की बारी है.

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