चॉकलेट डे आज : हैप्पी चॉकलेट डे…वेलेंटाइन वीक का तीसरा और रिश्तों में मिठास घोलने का डे यानी चॉकलेट डे. एक स्वीट डिश के रूप में तो चॉकलेट मशहूर है ही लेकिन जब बात आती है इजहार-ए-मोहब्बत की, तब चॉकलेट की महत्ता और बढ़ जाती है. वेलेंटाइन वीक का पहला दिन रोज डे फिर प्रपोज डे और तीसरा दिन आता है चॉकलेट डे. चॉकलेट डे 9 फरवरी को मनाया जाता है. आप वाकई अपने पार्टनर को खुश करना चाहते हैं तो ये याद रखना कि महिलाओं को फ्लावर्स,
ड्रिंक और टूर से ज्यादा चॉकलेट लुभाती हैं. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि चॉकलेट डे आपके लिए कितना मायने रखता है. किसी ने सच ही कहा है कि मीठा खाने से प्यार बढता है. तो आप भी अपने दोस्तों और प्यार को चॉकलेट देकर अपने रिश्तों में मिठास घोल लीजिये और प्यार बढाइये. शहर के मत्स्यगंधा, संजय पार्क, मॉल्स सहित डीबी रोड व पूरब बाजार के रेस्त्रां में सुबह से ही लविंग कपल्स की चहलकदमी देखी जा सकती है.
चॉकलेट डे पर मिथिला में भी बन रहा चॉकलेट डिस
चॉकलेट डे पर ये भी जरूरी नहीं कि आप अपने पार्टनर को चॉकलेट ही गिफ्ट करें बल्कि आप अपने पार्टनर के लिए एक सरप्राइज चॉकलेट डिस भी रेस्त्रां में अरेंज करवा सकते हैं. जी हां, चॉकलेट डिस आापके पार्टनर को रिलेक्स करने और पार्टनर को पास लाने का बेहतर तरीका है. इस प्रकार के डिस में सिर्फ स्वीट चीजों का प्रयोग किया जाता है. डीबी रोड स्थित एक रेस्टूरेंट के प्रबंधक ने बताया कि कपल्स के लिए काफी स्वीट डिस के मेनू तैयार किये गये है. खासबात यह है कि महानगरों की तरह अब सहरसा जैसे शहरों में भी लोग वेलेंटाइन वीक की एडवांस आर्डर देने लगे है.
मिलने के लिए कॉलेज हो या कोचिंग बहाना चलेगा
अगर आप वेलेंटाइन वीक के सभी दिनों को जी भर के जीना चाहते है तो सहरसा जैसे छोटे शहरों में आपकों पहले ही महफूज जगहों को लेकर प्लानिंग करनी होगी. इंटर की छात्रा सोनी कहती है कि पापा तो ऑफिस में रहेंगे. लेकिन मम्मी और भाई से झूठ बोलकर निकलना मुश्किल होगा. हालांकि ऐसे मौके पर भाभी जरुर साथ देती है. मैने तो भाभी के साथ ब्यूटी पार्लर जाने का प्लानिंग कर ली है. गंगजला का शांतनु कहता है कि बड़ी मुश्किल होता है अपने पार्टनर से दिल की बातें शेयर करना. मोहल्ले के किसी की नजर पड़ गयी तो फिर शामत आ जायेगी. सुबह में कोचिंग के टाइम ही चॉकलेट गिफ्ट करने की योजना बना रही हूं.
करनेवाले कर गये अपनों को प्रपोज
गुलजार रहे शहर के पार्क व रेस्त्रां
कल टेडी डे
इंग्रीडिएंट्स का भी रखें ध्यान
शहर के डायटिसियन सुनील कुमार कहते है कि पार्टनर के लिए चॉकलेट का चयन करते समय उसमें शामिल इंग्रीडिएंट्स को भी अच्छे से जानें-समझें. ये भी देखें कि आप जो चॉकलेट खरीदने जा रहे हैं उसमें प्रोटीन, शुगर, कैलोरीज, ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजों की मात्रा कितनी है. उस चॉकलेट का वेट कितना है, इसका भी ध्यान रखें.
आप भी जानिये चॉकलेट का इतिहास
‘चॉकलेट’ इस शब्द के बारे में बहुत से तथ्य हैं. कुछ के अनुसार यह शब्द मूलत: स्पैनिश भाषा का शब्द है. ज्यादातर तथ्य बताते हैं कि चॉकलेट शब्द माया और एजटेक सभ्यताओं की की पैदाइश है जो मध्य अमेरिका से संबंध रखती हैं. एजटेक की भाषा नेहुटल में चॉकलेट शब्द का अर्थ होता है खट्टा या कड़वा. चॉकलेट की प्रमुख सामग्री केको या कोको के पेड़ की खोज 2000 वर्ष पूर्व अमेरिका के वर्षा वनों में की गई थी. इस पेड़ की फलियों में जो बीज होते हैं उनसे चॉकलेट बनायी जाती है. सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लोग मैक्सिको और मध्य अमेरिका के थे और यह चॉकलेट खाने की नहीं बल्कि पीने की चीज हुआ करती थी. 1528 में स्पेन ने जब मैक्सिको पर कब्जा किया तो वहां का राजा भारी मात्रा में कोको के बीजों और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्पेन ले गया. जल्दी ही स्पेन में चॉकलेट रईसों का फैशनेबल ड्रिंक बन गया. इटली के एक यात्री फ्रेंसिस्को कारलेटी ने सबसे पहले चॉकलेट पर स्पेन के एकाधिकार को खत्म किया. उसने मध्य अमेरिका के इंडियंस को चॉकलेट बनाते देखा और अपने देश इटली में भी चॉकलेट का प्रचार प्रसार किया. वर्ष 1606 तक इटली में भी चॉकलेट प्रसिद्ध हो गयी.