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अलौली पीएचसी: उपस्थिति पंजी में कर्मी करते हैं छेड़छाड़

खगड़िया : अब अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नया कारनामा सामने आते ही सब सन्न हैं. इस बार तो स्वास्थ्यकर्मियों ने गड़बड़ी का रिकार्ड तोड़ दिया है. पूरे गोरखधंधा का सच तब सामने आये आया जब प्रभात खबर के इसके सबूत हाथ लग गये. इस बार अलौली पीएचसी के कर्मियों ने एक बार फिर सारी […]

खगड़िया : अब अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नया कारनामा सामने आते ही सब सन्न हैं. इस बार तो स्वास्थ्यकर्मियों ने गड़बड़ी का रिकार्ड तोड़ दिया है. पूरे गोरखधंधा का सच तब सामने आये आया जब प्रभात खबर के इसके सबूत हाथ लग गये. इस बार अलौली पीएचसी के कर्मियों ने एक बार फिर सारी हदें को पार करते हुए बता दिया है कि यहां सरकारी नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं. तभी तो निरीक्षण में गायब रहने वाले कर्मचारी उपस्थति रजिस्ट्रर से छेड़छाड़ कर हाजिरी बनाने से भी नहीं हिचक रहे हैं.

ओवर राइटिंग कर बनायी कटी हुई हाजिरी : मामला 16 अप्रैल का है. डीएम जय सिंह के अलौली पीएचसी पहुंचने के हल्ला बाद ड्यूटी से गायब सात कर्मचारियों की हाजिरी काट दी गयी. अगले दिन रविवार था. सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर अनुपस्थित पाये गये कर्मचारियों ने उपस्थिति पंजी में छेड़छाड़ कर हाजिरी बना ली. इतना भी नहीं ख्याल रखा गया कि कटी हुई हाजिरी पर ओवरराइटिंग करने से चोरी पकड़ी जा सकती है. कहा जाता है कि अलौली में इस तरह के कारनामे पहले भी होते रहे हैं. कुछ दिन पहले दो एएनएम भी कटी हुई हाजिरी पर व्हाइटनर लगा कर हाजिरी बना लिया था.
वेतन भी उठ गये लेकिन पूरा खुलासा आरटीआइ के तहत होने के बाद शिकायत करने पर भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा. ऐसे में एक बार फिर कटी हुई हाजिरी का गोलमाल करने का मामला सामने आया है.
बचने के लिए हो रही दरबारी : डीएम जय सिंह के कड़े रुख के बाद अब कार्रवाई से बचने के लिए दरबारी का दौर शुरू हो गया है. सूत्रों की मानें तो बुधवार को अलौली पीएचसी के कर्मचारी सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंचे हुए थे. तीन सदस्यीय टीम द्वारा जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपे जाने के बाद एक्सपायरी दवा प्रकरण में अलौली पीएचसी के कई कर्मचारियों पर गाज गिरने की आशंका जतायी जा रही है. इधर, डीएम द्वारा अलौली पीएचसी में अब तक सामने आये मामलों की फाइल तलब किये जाने के बाद जल्द कार्रवाई के कयास लगाये जा रहे हैं.
मैनेज की कोशिश पर फिरा पानी : आखिर तक एक्सपायरी दवा प्रकरण को मैनेज करने की कोशिश हुई है. पीएचसी प्रभारी डॉ आरएन चौधरी तो कार्रवाई की जद में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को यह आश्वस्त कर रखा है कि किसी को कुछ नहीं होने देंगे. सब मैनेज हो रहा है. इधर, जिला मुख्यालय के एक चिकित्सक द्वारा पूरे प्रकरण में मध्यस्थता किये जाने की खबर है, लेकिन डीएम के कड़े रुख से स्वास्थ्य विभाग में मैनेज की कोशिश पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
शाम तक डीएम कार्यालय नहीं पहुंची रिपोर्ट : दिन भर मामले में गरदन बचाने के लिये तिकड़म की कोशिश होती रही. डीएम के गोपनीय प्रभारी संजीव चौधरी ने बताया कि एक चिठ्ठी सीएस कार्यालय से आयी है. जिसमें जांच रिपोर्ट के बारे में कहा गया है, लेकिन उसकी प्रति संलग्न नहीं है. कार्यालय बंद होने तक जांच रिपोर्ट डीएम कार्यालय तक नहीं पहुंची थी. इधर, डीएम कार्यालय में रिपोर्ट पहुंचने में हो रही देरी से दाल में काला की आशंका जतायी जा रही है.
एक्सपायरी दवा प्रकरण की रिपोर्ट सौंपी : बीते दिनों तत्कालीन डीएम के हस्तक्षेप के बाद सिविल सर्जन द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने एक्सपायरी दवा प्रकरण की जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जानकारी अनुसार टीम की जांच के दौरान बरामद एक्सपायर दवाई की अलौली पीएचसी प्रशासन से लिंक होने का पता चला है.
जांच टीम के एक सदस्य ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि बरामद दवाई की जांच के दौरान अलौली के कुछ पीएचसी के दवा रजिस्ट्रर में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. सूत्रों की मानें तो शहरबन्नी व मोहराघाट एपीएचसी में दवा खर्च में बड़ी गड़बड़ी में अस्पताल में तैनात नर्स व पीएचसी के कुछ कर्मियों की लापरवाही सामने आयी है.

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