भरती रजिस्टर अलमारी में बंद है…
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नशा मुक्ति केंद्र. िनरीक्षण के दौरान डीएम को मिली कई खामियां
भरती रजिस्टर अलमारी में बंद है… सुबह के करीब दस बजे जिले के डीएम जय सिंह के निरीक्षण के समय नशा मुक्ति केंद्र में सब कुछ चकाचक था, लेकिन उनके जाते ही दोपहर तक नशा मुक्ति केंद्र सुनसान पड़ चुका था. इसी बीच कैमरा का फ्लश चमकते ही एक कमरे में टीवी का आंनद ले […]
सुबह के करीब दस बजे जिले के डीएम जय सिंह के निरीक्षण के समय नशा मुक्ति केंद्र में सब कुछ चकाचक था, लेकिन उनके जाते ही दोपहर तक नशा मुक्ति केंद्र सुनसान पड़ चुका था. इसी बीच कैमरा का फ्लश चमकते ही एक कमरे में टीवी का आंनद ले रही एएनएम व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी उठ कर खड़े हो गये.
खगड़िया : सुबह के करीब दस बजे जिले के डीएम जय सिंह के निरीक्षण के वक्त नशा मुक्ति केंद्र में सब कुछ चकाचक था, लेकिन उनके जाते ही दोपहर तक नशा मुक्ति केंद्र सुनसान पड़ चुका था. डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों की खाली कुरसी केंद्र की बदहाली की कहानी बताने के लिए काफी थे. इसी बीच कैमरा का फ्लश चमकते ही एक कमरे में टीवी का आंनद ले रही एएनएम व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी उठ कर खड़े हो गये. जब उनसे पूछा गया कि और कर्मचारी कहां हैं तो तुरंत ही जवाब मिला … अभी तो यहीं तो, नीचे गये होंगे.
भरती रजिस्ट्रर अलमारी में है बंद : नशा मुक्ति केंद्र में तैनात एएनएम सीता प्रेम बदा के चेहरे पर परेशानी साफ नजर आ रही थीं. जब उनसे पूछा गया कि अभी सिर्फ दो कर्मचारी की ही ड्यूटी है तो थोड़ा झेपते हुए उन्होंने बताया कि अभी यही थे. नीचे गये होंगे. जब उनसे बीते दिनों नशा मुक्ति केंद्र में मौत के शिकार व्यक्ति के बारे जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो एएनएम ने कहा कि भरती रजिस्ट्रर अलमारी में बंद कर सुबोध बाबू (स्वास्थ्य कर्मी) कहीं गये है. इस बीच दुखड़ा सुनाते हुए एएनएम ने कहा कि 12-12 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है.
नशा मुक्ति केंद्र के काले सच का वीडियो वायरल : बीते दिनों नशा मुक्ति केंद्र में भरती होने वाले जिस व्यक्ति की मौत हो गयी थी, उसके परिजनों ने चौंकाने वाले खुलासे कर स्वास्थ्य विभाग के सारे दावे की पोल खोल दी. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने खौफनाक सच पर से परदा हटाते हुए स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है. गोगरी के बल्लभजान निवासी मृतक के राजकुमार राम की पत्नी दुखनी देवी ने रोते हुए बताया कि बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उसे नशा मुक्ति केंद्र में भरती करवाया गया. इसी बीच तबीयत बिगड़ने लगी. बाद में मौत हो गयी.
घर में खेल-बेल करैत रह..अ
बाबू कोई नय आइलौ देखैय ले… खोजैत जब उपर गेलियो…. तब घर में खेल बेल करैत रहअ… ई देख के हम घूइर गेलिअ… कोई नय देखैय ले अइल बाबू कोई नय अईल… हौ बाबू . आंखों में आंसू लिये दुखनी देवी ने नशा मुक्ति केंद्र के काले सच से रूबरू कराते हुए सारे दावे की पोल खोल दी है. उन्होंने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद कोई कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं थे. इसके कारण राजकुमार राम की मौत हो गयी.
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