उन्होंने कहा कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है. बिहार विधानसभा के चुनावी वर्ष में इस प्रकार का दल विरोधी बयान एक सोची समझी योजना के तहत मतदाताओं के बीच भ्रम फैलाने की साजिश है.
उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को 1990 में सिंहेश्वर विधानसभा की जनता ने पांच वर्ष का विधायक बना कर उन्हें मौका दिया था. इलाके के विकास के बजाय बंटाधार हो गया. लोगों ने लूट, अपहरण, हत्या और जातीय उन्माद का तांडव भी देखा. उन्होंने कहा कि जिनके टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए उन्हीं के विरुद्ध भस्मासुर की तरह राजनीतिक बोली बोलना कौन सा संस्कार है. श्रीमती यादव ने प्रेषित विज्ञप्ति में कहा कि गरीब लोगों को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है.