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सूद पर रुपये ले बनाया शौचालय, अनुदान नहीं दे रहे हाकिम, महाजन कर रहा परेशान

खगड़िया : शौचालय निर्माण के बाद मिलने वाली सरकारी अनुदान की आस में छह महीने से हजारों लाभुक बाबुओं के दफ्तरों की चक्कर काट रहे हैं. स्थिति यह है कि भुगतान तो दूर शौचालय निर्माण के डाटा इंट्री का काम तक पूरा नहीं हो पाया है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष बने […]

खगड़िया : शौचालय निर्माण के बाद मिलने वाली सरकारी अनुदान की आस में छह महीने से हजारों लाभुक बाबुओं के दफ्तरों की चक्कर काट रहे हैं. स्थिति यह है कि भुगतान तो दूर शौचालय निर्माण के डाटा इंट्री का काम तक पूरा नहीं हो पाया है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष बने करीब 70 हजार शौचालय में से मात्र 28945 लाभुकों को ही सरकारी अनुदान मिल पाया है.

मानसी प्रखंड का तो और बुरा हाल है. कई लाभुक तो ऐसे हैं जो कर्ज लेकर शौचालय बनाये हैं. अब उनको महाजन परेशान कर रहे हैं. छह महीने से अधिक समय से शौचालय बना कर राशि के लिये हजारों लाभुक हाकिम के दरवाजे तक दौड़ लगा रहे हैं. बता दें कि जिले का रामपुर पंचायत सूबे का पहला खुले में शौच मुक्त पंचायत बना. इसके बाद मानसी प्रखंड ने भी पहला ओडीएफ प्रखंड का दर्जा पाकर इतिहास रच दिया, लेकिन लाभुकों को सरकारी अनुदान की राशि भुगतान इनका रेकॉर्ड काफी खराब रहा है.

सरकारी बाबू झूठ बोलै छै : मानसी के कई इलाके में भ्रमण के दौरान लाभुकों ने कहा कि उस वक्त सरकारी हाकिम ने शौचालय निर्माण के कुछ दिनों के अंदर राशि भुगतान का वादा किया था. इस आस में कर्ज लेकर शौचालय बनवाया, लेकिन अब पैसे मांगने पर कभी डाटा लोड तो कभी कोई बहाना बना कर दौड़ाया जा रहा है. लाभुकों ने कहा कि सरकारी हाकिम झूठ बोलै छै. इधर, सरकारी आंकड़े भी लाभुकों को भुगतान की दयनीय स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं.
दिसंबर तक करीब जिले में 69 हजार 952 शौचालय का निर्माण गंगा एक्शन प्लान व स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत कराया है. सरकारी अनुदान का भुगतान मात्र 28 हजार 945 लाभुकों को ही हो पाया है. वहीं जिले के कुल 129 पंचायत में कुल 46 पंचायत खुले में शौचमुक्त घोषित हुए. बिहार का पहला खुले में शौच मुक्त प्रखंड बन कर इतिहास रचने वाले मानसी के हजारों लाभुक अनुदान के लिये भटक रहे हैं. सरकारी अनुदान भुगतान के प्रति अधिकारी का अनजान बने रहना लाभुकों के लिए सिरदर्द बन रहा है.
मानसी उपप्रमुख हीरालाल यादव कहते हैं कि आवेदन देते देते थक गये. लाभुक प्रति दिन दरवाजे पर आकर अपना दुखड़ा रोते हैं, लेकिन अधिकारी अभी तक शौचालय निर्माण के एवज में मिलने वाली सरकारी अनुदान देने के प्रति उदासीन बने हुए हैं.ओडीएफ पंचायतों की स्थिति सबसे खराब प्रदर्शन खगड़िया सदर प्रखंड का है. यहां मात्र तीन पंचायत की अब तक ओडीएफ घोषित हुए हैं. गोगरी प्रखंड में ओडीएफ पंचायतों की संख्या 12, परबत्ता प्रखंड में 11, चौथम प्रखंड में 8 है. बेलदौर प्रखंड में 5 पंचायत ओडीएफ हुए हैं.
दिसंबर 2018 तक कैसे खुले में शौच मुक्त होगा जिला
जिले में शौचालय विहीन दो लाख सात हजार 746 परिवारों को शौचालय निर्माण करवाना है. अब तक मात्र करीब 70 हजार ही शौचालय बन पाये हैं. इस वित्तीय वर्ष में एक लाख 81 हजार 213 शौचालय का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया था. इसके एवज में 31 दिसंबर तक मात्र 35 हजार 711 शौचालय ही बन पाया है. शौचालय निर्माण की स्थिति खराब है. मात्र 46.53 प्रतिशत की शौचालय बने हैं. ऐसे में मार्च 2018 तक लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य पूरा करने के लिये शौचालय निर्माण की रफ्तार तेज करने के साथ साथ भुगतान में भी तेजी लाने की जरूरत है.
वर्तमान वर्ष में 69652 शौचालय निर्माण के एवज में मात्र 28945 लाभुकों को मिला सरकारी अनुदान
शौचालय बना कर सरकारी प्रोत्साहन राशि के लिये आधे से अधिक लाभुक दफ्तर का लगा रहे चक्कर
मानसी प्रखंड की स्थिति काफी लचर, रवैये में सुधार नहीं होने पर बीडीओ को कार्रवाई का अल्टीमेटम
जिले के कुल 129 पंचायत में 46 पंचायत हो चुका है खुले में शौच मुक्त… कई जगह चल रहे काम
जीविका के लचर रवैये को देखते हुए छीना गया अलौली प्रखंड को खुले में शौचमुक्त बनाने का काम
राशि भुगतान में देरी से निर्माण कार्य धीमा : डीडीसी
डीडीसी रामनिरंजन सिंह ने भी माना कि शौचालय निर्माण के बाद सरकारी अनुदान भुगतान की प्रक्रिया में देरी हुई है. डीडीसी ने कहा कि तकनीकी कारणों सहित प्रक्रिया पूरी नहीं किये जाने के कारण यह विलंब हुआ है. अब इसे सुधार कर भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लायी जा रही है. मानसी प्रखंड में लाभुकों को राशि भुगतान में देरी को देखते हुए बीडीओ को अल्टीमेटम दिया गया है. अगर जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर भुगतान नहीं की जाती है तो तो उनपर कार्रवाई तय है. डीडीसी ने कहा कि राशि भुगतान में देरी के कारण कई परिवार शौचालय बनाने से हिचक रहे हैं. जनवरी के अंत तक सभी लाभुकों के खाते में राशि भेज दी जायेगी. उपविकास आयुक्त ने कहा कि करीब तीन महीने तक प्राकृतिक आपदा के कारण शौचालय निर्माण की प्रक्रिया बंद रही. जिले को 2018 के अंत तक खुले में शौच मुक्त बनाने की दिशा तेज गति से काम चल रहा है.
आठ वार्ड सदस्यों पर हो चुकी है प्राथमिकी
शौचालय निर्माण में फर्जीवाड़ा के आरोप में आठ वार्ड सदस्यों पर प्राथमिकी की कार्रवाई की गयी है. जिला जल स्वच्छता समिति के प्रभारी जिला समन्वयक शैलेंद्र कुमार ने कहा कि भुगतान के पूर्व निर्माण की जांच करायी जाती है. निर्माण की स्थिति की जानकारी मिलने, आइएमआइएस में डाटा इंट्री, जियो टैगिंग के बाद भुगतान किया जाता है. जांच नहीं हो पाने की वजह से भुगतान में थोड़ी देरी हुयी है. लेकिन जल्द ही सभी लाभुकों के खाते में राशि का भुगतान कर दिया जायेगा.
जीविका द्वारा खगड़िया व अलौली प्रखंड में नवंबर माह में ही काम छोड़ दिये जाने के कारण शौचालय निर्माण की प्रगति प्रभावित हुई है. उल्लेखनीय है कि गोगरी के बन्नी पंचायत के आठ वार्ड सदस्यों पर गलत अनुशंसा किये जाने के कारण प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इन सब पर 40 लोगों को प्रोत्साहन राशि दिलाने के लिए गलत अनुशंसा का आरोप है.

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