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वृहत आश्रय गृह को बदनाम करने की चल रही साजिश: डीएम

वृहत आश्रय गृह को बदनाम करने की चल रही साजिश: डीएम

– लापरवाही के आरोप में चार पर होगी कार्रवाई कटिहार स्थानीय वृहद आश्रय गृह में संचालित बालिका गृह से लड़की के भागने एवं उसके बरामदगी को लेकर जिला प्रशासन ने बुधवार को अपना पक्ष रखा. समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा एवं पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं को पूरे घटनाक्रम एवं अब तक की गयी कार्रवाई से अवगत कराया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीएम ने कहा कि वृहद आश्रय गृह में संचालित सभी बालक एवं बालिका गृह की संचालन व्यवस्था पूरी तरह सरकारी स्तर पर है. कुछ ऐसी संस्थाएं है, जो बाल एवं बालिका गृह को बादाम करना चाहती है. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग के दिशानिर्देश पर कटिहार जिला मुख्यालय में वृहद आश्रय गृह संचालित है. जिसमें जिला बाल संरक्षण ईकाई अंतर्गत आठ जिला यथा कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल एवं बेगुसराय के बच्चों को आवासित कराया जाता है. उन्होंने कहा कि बाल देखरेख संस्थान यथा बालिका गृह युनिट एक (उम्र-07 से 16 वर्ष) में 61 बालिका एवं बालिका गृह यूनिट दो (17 वर्ष से 21 वर्ष) में 66 बालिका आवासित है. यहां सभी बालिका देखरेख एवं संरक्षण वाले बालक-बालिकाएं आवासित है. सभी बालिकाएं अनाथ, परित्यक्त, भूली-बिछड़ी, प्रेम प्रसंग, रेड लाईट एरिया, ट्रेफिकिंग से मुक्त करायी गयी है. उन्होंने कहा कि बच्चियों का आवासन बाल कल्याण समिति व न्यायालय के आदेश से आवासित कराये जाते है. यहां बच्चों के सुरक्षा को लेकर पूर्ण रूपेण वृहद आश्रय गृह का परिसर सीसीटीवी कैमरा से आच्छादित है. बालिका गृह यूनिट दो से दिनांक 17-02-2025 एवं दिनांक 07-03-2025 को बालिकाओं के पलायन के संबंध में सूचना प्राप्त हुई. बालिकाओं के पलायन की सूचना प्राप्त होने पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार नजदीकी थाना में नियमानुसार क्रमशः दिनांक 18-02-2025 एवं 08-03-2025 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. दिनांक 17-02-2025 को पलायित दोनों बालिकाओं पुलिस प्रशासन के द्वारा पटना से दिनांक 08-03-2025 को रेस्क्यू किया गया. डीएम ने यह भी कहा कि दोनों बालिका का 20 दिनों तक का पलायित रहना कुछ संगठित गिरोह का संलिप्त रहने से इन्कार नहीं किया जा सकता है. वृहद आश्रय गृह की व्यवस्था संतोषप्रद उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि बाल देखरेख संस्थान में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार बाल कल्याण समिति अथवा न्यायालय के आदेश से ही किसी भी व्यक्तियों का वृहद आश्रय में प्रवेश दिया जाता है. साथ हीं यहां ऐसे बच्चों का आवासन होता है. जिसकी पहचान मीडिया या किसी भी संगठन एवं व्यक्ति विशेष के द्वारा उजागर करना अपराध है. बच्चों के निजता, पहचान को किसी भी परिस्थिति में भंग नहीं किया जा सकता है. पत्रकारों कक डीएम ने बताया कि समाज कल्याण विभाग एवं जिला स्तर पर अपर समाहर्त्ता की अध्यक्षता में छह सदस्यों जांच दल का गठन किया गया है. जांच कमिटि के सदस्यों के समक्ष बालिकाओं के द्वारा किसी भी शिकायत नहीं की गयी है. गृहों में स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, आवासन, साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था संतुष्ट पायी गयी है. इस संबंध में जांच दल द्वारा विस्तृत जांच की गयी एवं पलायन की घटना के लिए कर्मियों पर प्रशासनिक सजगता की कमी एवं लापरवाही के कारण अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है. इन चार कर्मियों पर होगी कार्रवाई उन्होंने बताया कि अधीक्षिका, बालिका गृह यूनिट दो मुर्शिदा परवीन लस्कर, हाउस कीपर, बालिका गृह यूनिट दो ममता बोसाक, रसोईया बालिका गृह यूनिट दोवैजयंती कुमारी व महिला सुरक्षा बल किरण कुमारी पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. संवाददाता सम्मेलन में पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा, अपर समाहर्ता सुमन प्रसाद साह, डीपीआरओ अभिषेक रंजन, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अमरेश कुमार मौजूद थे.

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