फलका संसार एक धर्मशाला है, यहां जो जैसा कर्म करेगा. उन्हें भगवान वैसा ही फल देता है. झूठ बोलना, चोरी करना दुष्कर्म करना पाप है. जो मां-पिता की सेवा नहीं करता वह सबसे बड़ा पापी है. उन्हें स्वर्ग नहीं प्राप्ति हो सकती. उक्त बातें प्रखंड अंतर्गत रहटा दुर्गा मंदिर के प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय सत्संग महोत्सव के प्रथम दिन पूज्य गुरु रंजय आनंद कह रहे थे. सत्संग के पहले दिन अपने प्रवचन में परम पूज्य रंजय ज़ी महराज ने भक्तजनों को संबोधित करते हुए बताया कि संसार एक धर्मशाला है. जहां लोगों का आना जाना लगा रहता है. जो जैसा कर्म करता भगवान उन्हें वैसा ही फल देता है. यहां जिन लोगों ने अपनी पहचान बना ली. खुद के बारे में अनुसंधान कर लिया. उसका जीवन सफल हो गया. उन्होंने आगे कहा कि संसारिक लीला के मोह माया जाल से बचते हुए जो मनुष्य अपने माता- पिता की सेवा करता है. उन्हें ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है. जो मनुष्य उनको दुःख पहुंचाते है. उन्हें स्वर्ग कभी नसीब नहीं हो सकता. क्योंकि माता पिता की सेवा से ही स्वर्ग का रास्ता खोलता हैं. उन्होंने संतों की महिमा का गुणगान करते हुए बताया कि मनुष्य जीवन सुख- दुःख से भरा है. घर- घर में समस्याएं हैं शांति सत्संग में ही मिलता है. सत्संग में आकर लोगों आत्मबल बढ़ता है. संत रास्ता बताते हैं और सावधान भी करते हैं. यह शरीर तो मिटने वाला है. संतों की बाणी न जाने कब आपका उद्धार कर दें. इसलिए सत्संग में आओ और आनंद लेते रहो इनके अलावा स्वामी गुरू महाराज सहित स्थानीय एवं बाहर से आये साधु संतों ने अपने अपने प्रवचन दिये. सत्संग गरूड़ महाराज के बीच हुए मौक्ष प्राति के वार्ता को सुनाया गया. इस सत्संग को सफल बनाने में इसके आयोजक मुख्य रूप है. उपेन्द्र महलदार, नागेश्वर पंडित, सदानंद महलदार, बासुदेव महलदार, भोलू महलदार, शिवन महतो, बांके बिहारी पोद्दार, रघुनंदन मंडल, सहदेव महलदार, गायत्री देवी, जिला परिषद सदस्य पूर्व जिप उपाध्यक्ष कांत मंडल, अधिवक्ता, स्थानीय सरपंच चंदन मंडल, मनोज मंडल, जिला परिषद प्रतिनिधि मनोज मंडल, रहटा पीर मोकाम के सत्संगी व ग्रामीण का अहम भूमिका रही.
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