बलरामपुर सरकारी स्तर पर भले ही भूमिहीन परिवारों को बसाने के लिए जमीन दिलाने की कवायद की जा रही है. धरातल पर ऐसा हो नहीं पा रहा. भूमिहीन परिवार के लोगों को जमीन उपलब्ध कराने का दावा बलरामपुर प्रखंड में फेल साबित हो रहा है. प्रशासनिक स्तर पर तमाम प्रयास के बावजूद आठ सौ से अधिक परिवार के लोगों को मकान बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. ऑपरेशन भूमि दखल तथा अभियान बसेरा के बावजूद इन परिवारों को रहने के लायक जमीन नहीं मिल सकी है. एक सौ से अधिक परिवार महादलित वर्ग के हैं. प्रशासनिक स्तर पर इन परिवारों को बसने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की कवायद अब भी जारी है. चिह्नित किए गए परिवारों को ऑपरेशन बसेरा अभियान के तहत रहने योग्य चार डिसमिल जमीन उपलब्ध कराई जानी थी. इन परिवारों को सरकारी जमीन उपलब्ध कराए जाने की योजना सरकारी स्तर पर बनाई गयी. इसके बाद भी अगर सरकारी भूमि नहीं मिली तो जमीन अधिग्रहण कर इन्हें बास योग्य भूमि उपलब्ध कराने का कार्यक्रम बनाया गया था. अबतक गरीबों को किसी भी स्तर से भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है. बिहार सरकार ने इसी वर्ष 2025 में 14 अप्रैल से मई के अंत तक डॉ आंबेडकर समग्र सेवा अभियान के अंतर्गत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सभी वासहीन परिवारों को वास के लिए गृह स्थल पर्चा उपलब्ध करने का निर्णय लिया था. बलरामपुर प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों भूमिहीन अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति परिवारों ने यह आस लगाकर आयोजित शिविर में आवेदन दिया था. उन्हें भी सरकार द्वारा वास के लिए गृह स्थल पर्चा मिलेगा. अबतक यह सभी परिवार सरकार के इन अधिकारियों की ओर टकटकी लगाये देख रहे हैं कि आखिर कब इनका गृहस्थल का पर्चा उनके हाथ में मिल जायेगी. भूमिहीन परिवारों ने नवनिर्वाचित बलरामपुर विधायक संगीता देवी से संबंधित अधिकारियों से गृहस्थल के लिए पर्चा दिलाने की मांग की है.
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