– पुलिस की जांच में हुआ खुलासा प्रतिनिधि, कोढ़ा कोढ़ा थाना क्षेत्र के कोलासी पुलिस शिविर के समीप बुधवार की शाम हुई एक कथित लूट की घटना ने उस समय नया मोड़ ले लिया. जब पुलिस जांच में यह सामने आया कि जिसे पीड़ित बताया जा रहा था. वही लूट की पूरी साजिश का मास्टरमाइंड निकला. पुलिस ने वादी के गोदाम से 6,10,000 नगद बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. घटना बुधवार की है. धर्मेंद्र कुमार दास, पिता शंभू दास, सिमरिया भगत जी टोला, थाना कोढ़ा निवासी ने कोढ़ा थाना में आवेदन देकर बताया था कि वह मक्के का व्यापारी है. उसने कटिहार के एचडीएफसी बैंक से दोपहर करीब 3:00 बजे 6,10,000 नकद निकाले. यह राशि उसने अपने मित्र आलोक कुमार सिंह, निवासी कोलासी संथाली मोड़ के पास सुरक्षित रख दी और किसी कार्य से चला गया. आवेदन में धर्मेंद्र ने बताया कि शाम करीब 7:30 बजे जब वह अपने पैसे लेकर घर लौट रहा था तो कोल्ड स्टोर कोलासी के पास दो अज्ञात अपराधियों ने उसकी बाइक रोककर पिस्तौल का भय दिखाया. चाभी छीनी और डिक्की से सारे पैसे निकालकर फरार हो गये. उसने तुरंत इसकी सूचना कोढ़ा थाना को दी. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष सुजीत कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी. थाना क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की गयी. वादी से लगातार पूछताछ हुई. जांच के दौरान पुलिस को वादी के बयानों में लगातार विरोधाभास महसूस हुआ. फुटेज में कहीं भी पीछा या अपराधियों की मौजूदगी नहीं दिखी. जब पूछताछ को गहराया गया. तब धर्मेंद्र ने सच उगल दिया. उसने बताया कि वह करीब 15-20 लाख रुपए के कर्ज़ में डूबा हुआ है. उसी से बचने के लिए उसने यह झूठी लूट की कहानी रची. धर्मेंद्र ने स्वीकार किया कि उसने बैंक से निकाली गयी. राशि को अपने मक्के के गोदाम में दराज के अंदर छिपा दिया. फिर झूठी रिपोर्ट दर्ज करायी. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर गोदाम की तलाशी ली और वही से पूरी राशि बरामद कर ली गयी. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए धर्मेंद्र दास को गिरफ्तार कर लिया. उसके विरुद्ध कोढ़ा थाना कांड संख्या 137/25 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है. 6,10,000 नगद व एचडीएफसी बैंक का चेक बुक कटिहार पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष छापामारी दल व कोढ़ा थाना की टीम ने सतर्कता और सूझबूझ से पूरे मामले का 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार की झूठी घटनाएं सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी हैं और इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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