– केबी झा कॉलेज में वर्षों से धूल फांक रहा करीब पन्द्रह लाख का दो पावर जेनरेटर कटिहार केबी झा कॉलेज में करीब तेरह वर्षों से दो पावर जेनरेटर देखरेख के अभाव में धूल फांक रहा है. 2012 से लेकर अब तक दस से अधिक प्राचार्य केबी झा कॉलेज में बनाये गये लेकिन किसी का इस ओर ध्यान नहीं जाने के कारण परीक्षा में जहां परीक्षा विभाग को बिजली मुहैया कराने नाको चने चबाना पड़ता है. दूसरी ओर आर्थिक रूप से भी परेशान होना पड़ता है., प्रति परीक्षा केवल बिजली, पंखा से लेकर जेनरेटर के मद में करीब बारह हजार रूपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. इसी से सम्बंधित एनएसयूआई के छात्र नेता अमित पासवान के नेतृत्व में विशाल कुमार, बिल्लू, महेश कुमार समेत अन्य केबी झा कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य को ज्ञापन सौंपने गये शनिवार को उनके कक्ष में पहुंचे. लेकिन प्रभारी प्राचार्य डॉ हरेन्द्र कुमार सिंह के द्वारा ज्ञापन नहीं लेने के बाद एनएसयूआई नेता तिलमिला गये. आक्राेश इतना कि उनलोगों ने चरणद्ध आंदोलन को लेकर निर्णय लिया. एनएसयूआई के छात्र नेता अमित पासवान ने बताया कि 2012-13 में तत्कालीन प्राचार्य डॉ प्रो संजीव कुमार द्वारा कॉलेज व छात्र हित को देखते हुए दो पावर जेनरेटर करीब पन्द्रह लाख की राशि से क्रय करवाया गया. शुरू में काम लिया गया या नहीं यह भी किसी प्राचार्य द्वारा इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान प्राचार्य का करीब चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने को है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से कॉलेज प्रबंधन से लेकर परीक्षा विभाग को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दोनों पावर जेनरेटर मरम्मत करा दिये जाने के बाद बिजली बत्ती की झंझट से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जायेगा. जेनरेटर परीक्षार्थियों को बनाया जाता है बीमार एनएसयूआई के छात्र नेता अमित पासवान ने बताया कि शिक्षण संस्थान में बिना साइलेंसर के जेनरेटर लगाने पर सुप्रीम कोट के आदेश में भी रोक लगाया गया है. परीक्षा के दौरान केबी झा कॉलेज प्रशासन की ओर से किराये पर जेनरेटर लगाकर तैयारी का ढिंढोरा पीटा जाता है. उन्होंने बताया कि बिना साइलेंसर जेनरेटर लाकर निकलने वाली धूंए से परीक्षार्थियों को बीमार होने की संभावना बनी रहती है. इस तरह का जेनरेटर एक नहीं कभी तीन कभी चार का उपयोग किया जाता है. इससे निकलने वाली ठक ठक से परीक्षार्थियों को परीक्षा में ध्वनि प्रदूषण का भी सामना करना पड़ता है. कॉलेज प्रबंधन को चाहिए कि पावर जेनरेटर का मरम्मत कराकर उपयोग में लाया जाये. वर्षों से यूं ही पड़ा है पावर जेनरेटर परीक्षा को लेकर वर्षों से प्राचार्य द्वारा इस तरह की व्यवस्था कराया जाता है. कोशिश किया जाता है कि साइलेंसर युक्त जेनरेटर कॉलेज प्रांगण में वर्गकक्ष से दूर लगाया जाये, दो पावर जेनरेटर पूर्व प्राचार्य डॉ संजीव कुमार द्वारा खरीदा गया है. किसी प्राचार्य द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से आज तक यूं ही पड़ा है. इसको लेकर पीयू विवि को अवगत कराया जायेगा. हरेन्द्र कुमार सिंह, प्रभारी प्राचाय, केबी झा कॉलेज
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