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किसानों को मिलेगा अतिरिक्त 2000 की प्रोत्साहन राशि

पहले आओ, पहले पाओ के तर्ज पर बीज का होगा वितरण

जिले में पहली बार मोटा अनाज की खेती को लेकर खरीफ मौसम के लिए जिले को लक्ष्य निर्धारित किया गया है. न्यूट्री सिरियल पोषक अनाज कार्यक्रम के तहत सभी मोटा अनाज की खेती को लेकर एकड़ के हिसाब से अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है. इन सभी योजना कलस्टर के रूप में किया जाना है. एक कलस्टर अधिकतम 25 एकड़ की होगी. इसकी खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की ओर से किसानों को 2000 रुपये खेती मद के लिए नकद अनुदान अतिरिक्त सहायता के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा. इससे किसान स्वेच्छा से खेती के लिए व्यय कर सकेंगे. ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा, चीना के लिए अलग-अलग कुल 4115 एकड़ में खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा. इसके लिए अनुदान की सुविधा अलग से होगी. साथ ही इनके बीज को लेकर लक्ष्य भी निर्धारित कर दिये गये हैं. किसानों को बीज पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर वितरण की तैयारी की जा रही है. ऐसा कृषि विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है. विभागीय कमियों की माने तो खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कृषोन्नति योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अधीन न्यूट्री पोषक अनाज कार्यक्रम वर्ष 2024-25 के तहत कलस्टर का निर्माण किया गया है. कोदो, सांवा, चीना, प्रत्यक्षण को लेकर 2160 एकड़, सभी 16 प्रखंड, 87 पंचायत चयनित की गयी है. जबकि इतने ही राजस्व ग्राम का चयन किया गया है. कुल 87 कलस्टर में इसकी खेती होगी. एक कलस्टर अधिकतम 25 एकड़ की होगी. बाजरा प्रत्यक्षण को लेकर 425 एकड़ सोलह प्रखंडों के सतरह चयनित पंचायत के 17 राजस्व ग्राम में 17 कलस्टर में खेती करना है. रागी प्रत्यक्षण को लेकर 1420 एकड़ 16 प्रखंडों के 57 पंचायत चयन कर 57 राजस्व ग्राम में 57 कलस्टर में इसकी खेती किया जाना है. जबकि ज्वार प्रत्यक्षण के लिए 110 एकड़ पांच प्रखंड के पांच पंचायत के तहत पांच राजस्व ग्राम में पांच कलस्टर में किये जाने के लिए निधारित किया गया है.

210 क्विंटल बीज की होगी आवश्यकता

कृषि विभाग के पदाधिकारियों की माने तो पहली बार मोटा अनाज की खरीफ मौसम में प्रत्यक्षण को लेकर जिले को लक्ष्य दिया गया है. इसमें अलग-अलग मोटा अनाज के लिए कुल 210 क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी. बीज वितरण को लेकर विभाग द्वारा पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर वितरण की तैयारी की जा रही है. विभाग के कर्मियों की माने तो मोटा अनाज के तौर पर कोदो, सांवा, चीना प्रत्यक्षण के लिए कुल 129.6 क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी. बाजरा प्रत्यक्षण के लिए 17 क्विंटल बीज, रागी प्रत्यक्षण के लिए 56.8 और ज्वार प्रत्यक्षण के लिए 6.6 क्विंटल बीज की आवश्यकता है.

कहते हैं डीएओ

मोटा अनाज की खेती को बढ़ावा के लिए सरकार की ओर से अनुदान के साथ-साथ किसानों को 2000 रुपये का प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी. अलग-अलग मोटा अनाज को लेकर आवश्यकतानुसार बीज किसानों के बीच उपलब्ध कराया जायेगा. सभी मोटा अनाज की खेती कलस्टर में किया जाना है. एक कलस्टर अधिकतम 25 एकड़ की होगी. मोटा अनाज की खेती को लेकर विभाग द्वारा प्रचार- प्रसार शुरू कर दिया गया है. इसे हर हाल में अंजाम तक पहुंचाये जाने की तैयारी में विभागीय कर्मी व पदाधिकारी जुट गये हैं.सुधीर कुमार, डीएओ, कटिहार

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