– एक बोरी तरबूज डेढ़ सौ में बेचने को मजबूर बरारी प्रखंड के दियारा क्षेत्रों में सैकड़ों किसानों ने तरबूज की खेती कड़ी मेहनत कर की. मौसम की मार के साथ किसान बाजार की मार भी झेल रहे है. काढागोला गंगा घाट पर दर्जनों तरबूज की दुकानें सजी हुई है. पुरुष, महिला, बच्चे सभी खेती में इस उम्मीद से लगे रहे कि दो पैसे बाजार से आयेंगे तो परिवार की छोटी-छोटी खुशी बहाल हो सकेगी. लेकिन सभी पर पानी फिर गया. किसान मानो देवी, रोहित, उपेन्द्र, जानकी देवी आदि बताते है कि खेत से तैयार फसल खेत से ढोकर नदी किनारे नाव पर लादकर काढ़ागोला गंगा घाट लाकर उसे बोरी में पैकिंग कर बाजार भेजते है. जिसमें एक बोरी तरबूज पर करीब 70 रुपया से अधिक खर्च हो जाता है. व्यापारी एक बोरी तरबूज एक सौ से डेढ सौ मे लेता है. हाथ में मात्र 70 रुपया बोरी आता है. जबकि खेती की लागत मेहनत का फल तो पानी में चला गया. किसान को कोई देखने वाला नहीं हैं. कड़ी धूप में घर छोड़कर तरबूज की फसल निपटाने में लगे है. किसान की चिंता को आत्मसात आखिर कौन करेगा.
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