प्रतिनिधि, कटिहार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा डीएस कॉलेज कटिहार में बुधवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन प्रांत सह मंत्री विनय सिंह के नेतृत्व में किया गया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर वक्ताओं ने अपने-अपने व्याख्यान दिया. अभाविप के प्रांत सह मंत्री विनय सिंह ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलावों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी देने का फैसला स्वागतयोग्य है. वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए योग्य शिक्षा नीति की आवश्यकता देश को लंबे समय से थी. करीब तीन दशक के बाद देश में नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिलने के बाद देश के करोड़ों की संख्या वाले भारतीय छात्र समुदाय को लाभ मिलेगा. आधुनिक भारत के लिए बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से भारतीय शिक्षा व्यवस्था में ज्ञान आधारित, रोजगारोन्मुख, तकनीक युक्त तथा विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक शिक्षा के अनुरूप सुधार की प्रतीक्षा राष्ट्र एक लंबे समय से कर रहा था. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आम भारतीय के उपर्युक्त अपेक्षाओं के अनुरूप उतरेगी. विभाग प्रमुख आभा मिश्रा ने कहा कि आधुनिक भारत में नई शिक्षा नीति का विशिष्ट महत्व है. इनसे रचनात्मक और नवाचार को महत्व मिलेगा. प्रस्तुत शोधपत्र में उच्च शिक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी शिक्षा नीति के बारे में बताया गया है. समय के साथ शिक्षा नीति में परिवर्तन आवश्यक होता है. ताकि देश की उन्नति सही तरीके से और तेजी से हो सके. इसी चीज को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति को 34 वर्षो के बाद लाया गया है. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य पालको को केवल किताबी ज्ञान देना नहीं है. बल्कि उन्हें व्यवहारिक ज्ञान भी देकर उनकी मानसिक बौद्धिक क्षमता को और भी ज्यादा प्रबल बनाना है. शिक्षा किसी भी देश और समाज के विकास की महत्वपूर्ण आधार होता है. शिक्षा के बलबूते ही किसी भी देश का विकास तेजी से किया जा सकता है. मुख्य वक्ता प्रो सुमित सिंहा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी) शिक्षा में व्यापक परिवर्तन की परिकल्पना करती है. भारतीय लोकाचार में निहित एक शिक्षा प्रणाली जो सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके भारत को एक समतापूर्ण और जीवंत ज्ञान समाज में बदलने में सीधे योगदान देती है, जिससे भारत वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन जाता है, एनईपी 2020 पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के पांच मार्गदर्शक स्तंभों पर आधारित है. यह हमारे युवाओं को वर्तमान और भविष्य की विविध राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा. नीति का लक्ष्य व आकांक्षा पूर्व प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना ——————————————————————————– स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उन मूल मूल्यों और सिद्धांतों पर जोर देती है कि शिक्षा को न केवल संज्ञानात्मक कौशल विकसित करना चाहिए. अर्थात साक्षरता और संख्यात्मकता के आधारभूत कौशल और उच्च-क्रम कौशल जैसे कि आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान बल्कि सामाजिक और भावनात्मक कौशल जिन्हें सॉफ्ट स्किल्स भी कहा जाता है. जिसमें सांस्कृतिक जागरूकता और सहानुभूति, दृढ़ता और धैर्य, टीम वर्क, नेतृत्व, संचार आदि शामिल हैं. नीति का लक्ष्य और आकांक्षा पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है और 2025 तक सभी के लिए प्राथमिक विद्यालय और उससे आगे मूलभूत साक्षरता,संख्या ज्ञान की प्राप्ति पर विशेष जोर देती है. मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रांत सिंह, रोहन प्रसाद, नगर सह मंत्री रवि सिंह, विशाल सिंह, अमित गुप्ता, मोनू यादव, कारण कुमार, अमन कुमार, प्रणव यादव, कार्यालय मंत्री पीयूष कुमार, अनुष्का कुमारी, राधा कुमारी, प्रो रंजीत, प्रो आशीष सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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