कोढ़ा रमज़ान के पहले जुम्मे की नमाज़ पूरे उत्साह व श्रद्धा के साथ अदा की गयी. क्षेत्र की मस्जिदों में भारी भीड़ रही. गेड़ाबाड़ी, मूसापुर, उत्तरी सिमरिया, दक्षिणी सिमरिया, रौतारा, कोलासी, दिघरी, खेरिया और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में मस्जिदों में नमाज़ियों की भारी तादाद रही. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने जुमे की नमाज़ अदा की. अल्लाह से अमन-चैन, बरकत और अपने गुनाहों की माफी की दुआ मांगी. गेड़ाबाड़ी बाजार स्थित जामा मस्जिद के मौलाना खुतबा देते हुए रमज़ान की अहमियत पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि रमज़ान का महीना इबादत, संयम और खुदा की रहमतों को पाने का समय होता है. रोज़ा सिर्फ भूखा-प्यासा रहने का नाम नहीं, बल्कि दिल और दिमाग को पाक-साफ रखने का नाम है. मौलाना ने सभी को रमज़ान के दौरान ज्यादा से ज्यादा इबादत करने, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने और समाज में भाईचारा बनाए रखने की अपील की.
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