कोढ़ा. मिथिला क्षेत्र का प्रमुख पर्व चौरचन पूरे कोढ़ा प्रखंड में बड़े ही श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. यह पर्व विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. परंपरा के अनुसार महिलाएं पुत्र की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए व्रत रखती है. भगवान गणेश तथा चंद्रदेव की पूजा-अर्चना करती है. सुबह से ही महिलाओं में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखा गया. घर-घर में पूजा की तैयारी हुई. महिलाओं ने अपने आंगन व पूजा स्थल को साफ-सुथरा कर आकर्षक ढंग से सजाया. चौरचन पूजा के अवसर पर विभिन्न प्रकार के फल व पकवान बनाकर भगवान को अर्पित किये गये. इनमें सेव, केला, नारियल, अंगूर, अनार जैसे मौसमी फल तथा परंपरागत व्यंजन शामिल रहे. सायंकाल होते ही व्रती महिलाओं ने परंपरा के अनुसार चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किया. विधि-विधान से पूजा संपन्न की. इसके बाद व्रत का समापन हुआ. पूरे दिन वातावरण में धार्मिक आस्था और उत्सव का माहौल छाया रहा. कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र में जगह-जगह यह पर्व सामूहिक रूप से भी मनाया गया. महिलाओं की आस्था व सहभागिता ने इसे और भी विशेष बना दिया. चौरचन पर्व ने लोगों को एक साथ जोड़ते हुए सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया.
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