हसनगंज प्रखंड के सार्वजनिक दुर्गा मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के अवसर पर आसपास के गांवों का वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक रस से सराबोर हो गया है. कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी. भीड़ का यह दृश्य आस्था की अद्भुत मिसाल पेश की. वृंदावन से पधारे कथावाचक प्रेमानंद पितांबर परमेश्वर महाराज की अमृतवाणी में डूबे श्रद्धालु भक्ति और ज्ञान का रसपान करते नजर आये. भागवत कथा की महिमा बताते हुए कहा कि भागवत कथा से मनुष्य को ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है. अंतर्मन का अज्ञान दूर होता है और दुर्गुणों का नाश होता है. मानव जीवन का कल्याण संभव होता है. कथावाचक ने कहा कि जहां नियमित रूप से भगवान का नाम लिया जाता है. वहां सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है. दुखों से मुक्ति का एकमात्र मार्ग ईश्वर का भजन-कीर्तन है. कहा कि संसार और ईश्वर दोनों की आशा एक साथ संभव नहीं है. संसार नाशवान है. भगवान अविनाशी. भागवत कथा के फल को समझाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप है. जिस घर में भागवत गीता और रामायण नहीं होती वह घर अधूरा होता है. भागवत कथा पापों से मुक्ति का सरल और श्रेष्ठ मार्ग है. भगवान किसी विशेष मंदिर में नहीं, बल्कि श्रद्धालु के हृदय में प्रकट होकर दर्शन देते हैं. बस आवश्यकता है सच्ची श्रद्धा और भक्ति की. जो भक्त एकाग्रचित होकर कथा का रसपान करते हैं. सांसारिक बंधनों से मुक्ति प्राप्त होती है. भागवत कथा के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और नैतिक संदेश श्रद्धालुओं तक पहुंचाए जा रहे हैं. इस अवसर पर आयोजक समिति के सदस्य सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.
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