कटिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कटिहार के कुरसेला, बरारी व मनिहारी प्रखंडों के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया. उन्होंने बाढ़पीड़ितों से मुलाकात की और राहत शिविरों का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है. जब तक बाढ़पीड़ित राहत शिविर में रहेंगे, तब तक उन्हें भोजन सहित […]
कटिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कटिहार के कुरसेला, बरारी व मनिहारी प्रखंडों के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया. उन्होंने बाढ़पीड़ितों से मुलाकात की और राहत शिविरों का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है. जब तक बाढ़पीड़ित राहत शिविर में रहेंगे,
तब तक उन्हें भोजन सहित हर तरह की सुविधा दी जायेगी. जो लोग शिविर में नहीं आये हैं, उन्हें घर तक सुविधा पहुंचायी जायेगी. उन्होंने कहा कि सूबे के जिन-जिन जिलों में बाढ़ नहीं है, उन जिलों के अधिकारियों को बाढ़ग्रस्त जिलों में भेजा जायेगा. वे राहत कैंप में रह कर बेहतर व्यवस्था करेंगे.
बिना बाढ़वाले जिलों के अधिकरी…
इतने कम पदाधिकारियों से काम नहीं चलनेवाला है. बाढ़पीड़ितों की संख्या काफी हैं. हरेक राहत शिविर में जिला स्तर के प्रभारी पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया जा रहा है. उन्हीं के कंधों पर राहत कैंप चलाने का दायित्व होगा. इसमें लापरवाही बरतनेवाले अधिकारी पर कार्रवाई होगी. खाना बनाना, खाना खिलाना आदि के लिए अधिकारी वहां रह रही महिलाओं से पूछ लें. क्या वे यहां रहते हुए काम करेंगी. यदि काम करेंगी, तो उन्हीं से काम लें.
उन्हें प्रतिदिन 200 रुपये मजदूरी भी दी जायेगी. इससे बाढ़पीड़ितों को आमदनी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि राहत शिविरों में आंगनबाड़ी सेविका, शिक्षका बच्चों को पढ़ाएं. उनकी हर तरह की मदद करें.
सीएम सबसे पहले कुरसेला पहुंचे. इसके बाद बरारी, मनिहारी के बाढ़ग्रस्त इलाके में पहुंचे. सीएम ने कहा कि बाढ़पीड़ितों को पैसा, अनाज दोनों मिलेगा. इसके तहत छह हजार रुपये दिये जायेंगे. जिनका घर बाढ़ में गिर गया है, उन्हें घर बनाने के लिए राशि दी जायेगी. फसल नष्ट होने पर भी क्षतिपूर्ति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में केले की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. केला उत्पादकों को मुआवजा मिलेगा. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में जो बाढ़ आयी थी, उससे ज्यादा इस वर्ष आयी है. गंगा नदी के किनारे जितने जिले है, सब जगह बाढ़ है. दियारा क्षेत्र पूरी तरह से डूब गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बख्तियारपुर में गंगा किनारे मेरा बचपन बीता है. स्कूल में पढ़ने के दौरान सीढ़ी घाट पर स्नान करने जाता था. पूरे जीवन में गंगा में इतना पानी न सुना था और न देखा था. इस वर्ष गंगा ने पिछले सारे रिकाॅर्ड को तोड दिया है. फरक्का बराज से तेजी से पानी नहीं निकलने के कारण पूरे बिहार में बाढ़ ने विकराल रूप लिया है. उन्होंने कहा कि 32 लाख क्यूसेक पानी का बहाव था, जबकि 27 लाख क्यूसेक पानी ही फरक्का बराज से निकलने का प्रावधान है. धीरे-धीरे पानी निकलेगा. पानी निकलने में काफी वक्त लगेगा. वैसी स्थिति में घबराना नहीं है. जब तक लोग राहत शिविर में रहेंगे, सभी राहत कैंप में लंगर चलता रहेगा. दो वक्त भोजन एवं एक वक्त नाश्ता बाढ़पीड़ितों को दिया जायेगा. इसके लिए डीएम को निर्देश पहले ही दे दिया गया है.