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बाढ़पीड़ितों को ऊपर से धूप, अंदर से भूख जला रही

राहत शिविरों में प्रशासन के दावे के अनुरूप नहीं मिल रही सुविधा कटिहार : जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. सैकड़ों परिवार विस्थापित होकर बांध व सड़क के किनारे रहने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित आला अधिकारी द्वारा राहत व बचाव कार्य के तमाम दावों […]

राहत शिविरों में प्रशासन के दावे के अनुरूप नहीं मिल रही सुविधा

कटिहार : जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. सैकड़ों परिवार विस्थापित होकर बांध व सड़क के किनारे रहने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित आला अधिकारी द्वारा राहत व बचाव कार्य के तमाम दावों के बीच जिले के बाढ़ पीड़ितों का हाल बेहाल है. बरारी प्रखंड में बाढ़ पीड़ित व विस्थापितों की जिंदगी भगवान भरोसे है. हालांकि जिला प्रशासन ने आधा दर्जन से अधिक राहत शिविर खोले जाने का दावा जरूर किया है,
लेकिन उस शिविर में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. कांतनगर पंचायत के बिंद टोला वार्ड नंबर आठ के कटाव से पीड़ित दर्जनों परिवार विस्थापित होकर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. यहां के विस्थापित लोगों ने काली स्थान राजापाखड़ के राहत शिविर में पहुंचे आला अधिकारी को अपनी पीड़ा से अवगत कराया. पर नतीजा सिफर ही रहा. अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन ही मिला. वहीं विशनपुर पंचायत की बड़ी आबादी भी बाढ़ से घिरी हुई है.
पर्याप्त नाव नहीं होने की वजह से प्रभावित लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
विशनपुर की बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रही सुविधा : बरारी प्रखंड के विशनपुर पंचायत बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. यहां की बड़ी आबादी अब भी बाढ़ से घिरी हुई है. मात्र एक राहत शिविर चलाया जा रहा है, जो महज खानापूर्ति साबित हो रहा है. इस पंचायत के वार्ड संख्या 12, 13, 14, 15, 16 व 10 बाढ़ से घिरा हुआ है. करीब 800 परिवारों के बीच भोजन व अन्य बुनियादी जरूरतों का गंभीर संकट है. राहत शिविर में एक टाइम भोजन दिया जाता है,
जो अल्पाहार की तरह है. न तो प्रभावित लोगों को पॉलिथीन सीट दी गयी है और न ही नाव की व्यवस्था है. सूखा राशन भी प्रभावित परिवारों के बीच अब तक वितरण नहीं किया गया है. मवेशी के लिये चारा का गंभीर संकट है. खासकर महिलाओं व बच्चों की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है. बांध के पास बड़ी आबादी पानी से घिरी हुई है. भटक रहे हैं बिंद टोला के कटाव पीड़ित : कांतनगर पंचायत के बिंद टोला के कटाव पीड़ित दर दर की ठोकरे खा रहे हैं. काली स्थान राजापाकर में बनाये गये राहत शिविर का जायजा लेने कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त,
डीएम, एसपी सहित कई अधिकारी पहुंचे थे. तब बिंद टोला के कटाव पीड़ितों ने अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराया. अधिकारियों को रूपन महतो, मुनेश्वर महतो आदि ने बताया कि बिंद टोला वार्ड संख्या 8 के करीब 150 घर नदी में कट गया. वे लोग विस्थापित हो चुके हैं. किसी तरह इधर उधर को रहने को विवश हैं. यहां के पीड़ित आजमपुर शंकर बांध, झिकटिया, भंडारतल, गिरिया पोखर आदि जगहों पर खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं. अधिकारियों ने उनकी पीड़ा सुनने के बाद वहां सिर्फ आश्वासन दिया. अब तक इन पीड़ितों के लिए किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है. यह बाढ़ व कटाव पीड़ित अब भी खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं.
एक टाइम मिल रहा भोजन
इसी प्रखंड के बकिया सुखाय पंचायत की अधिकांश आबादी बाढ़ से प्रभावित है. यह पंचायत टापू की तरह बन चुका है. स्थानीय लोगों के अनुसार बाढ़ से इस पंचायत की करीब 20 हजार की आबादी प्रभावित है. इसके लिये मात्र एक राहत शिविर मध्य विद्यालय बड़ी बिंद टोला में चलाया जा रहा है. इस शिविर में एक समय का भोजन दिया जाता है. स्वास्थ्य जांच, नाश्ता, रात का भोजन, शौचालय आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. अब तक इस शिविर में कोई पदाधिकारी या बड़े जन प्रतिनिधि नहीं पहुंचे हैं.
राहत शिविर में होनी है यह व्यवस्था
प्रशासनिक दावों के अनुसार, राहत शिविर में दोपहर व रात को पका हुआ भोजन, सुबह व शाम का नाश्ता, महिला व पुरुष के लिये अलग-अलग शौचालय, स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था, गर्भवती व धातृ महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था, सुरक्षित पेयजल, स्टील की थाली सहित हर तरह की बुनियादी सुविधा दिये जाने का प्रावधान है.

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