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पानी के जुगाड़ में होती है फजीहत
लापरवाही . सदर अस्पताल व बस स्टैंड में नहीं है पेयजल की व्यवस्था आग उगलती धूप व गरमी चरम पर है. ऐसे समय में लोगों को जब पीने का पानी नहीं मिले, तो क्या स्थिति होगी अंदाजा लगाया जा सकता है. दरअसल शहर के सार्वजनिक स्थलों पर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. […]
लापरवाही . सदर अस्पताल व बस स्टैंड में नहीं है पेयजल की व्यवस्था
आग उगलती धूप व गरमी चरम पर है. ऐसे समय में लोगों को जब पीने का पानी नहीं मिले, तो क्या स्थिति होगी अंदाजा लगाया जा सकता है. दरअसल शहर के सार्वजनिक स्थलों पर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. हजारों लोग प्रतिदिन विभिन्न कामों व मार्केटिंग के लिए यहां पहुंचते हैं. इन्हें शुद्ध पानी मिलने की बात तो दूर चापाकल का भी पानी नसीब नहीं हो रहा है. ऐसे में लोग बोतल बंद पानी पीते हैं या चाय, नास्ता, होटल में जाकर अपनी प्यास बुझाने के लिए विवश हो रहे हैं.
राज किशोर
कटिहार :शहर में पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है. राहगीर, दुकानदारों, व्यवसायियों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. आग उगलती धूप व गरमी शबाब पर है. ऐसे समय में लोगों को जब पीने का पानी नहीं मिले, तो क्या स्थिति होगी अंदाजा लगाया जा सकता है. दरअसल शहर के सार्वजनिक स्थलों पर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. हजारों लोग प्रतिदिन विभिन्न कामों व मार्केटिंग के लिए यहां पहुंचते हैं. इन्हें शुद्ध पानी मिलने की बात तो दूर चापाकल का भी पानी नसीब नहीं हो रहा है. ऐसे में लोग बोतल बंद पानी पीते हैं या चाय, नास्ता, होटल में जाकर अपनी प्यास बुझाने के लिए विवश हो रहे हैं. प्रभात खबर ने गुरुवार को शहर में पेयजल की बदहाल स्थिति का जायजा लिया और यह भी जानने का प्रयास किया कि इस भीषण गरमी में लोग कैसे प्यास बुझा रहे हैं.
समाहरणालय में पेयजल की नहीं है व्यवस्था
समाहरणालय में विभिन्न कामों से प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते हैं, लेकिन यहां पानी की व्यवस्था नहीं है. यहां आने वाले लोग चाय, नास्ता की दुकानों में जाकर अपनी प्यास बुझाते हैं या बोतल बंद पानी पीते हैं. समाहरणालय के प्रथम तल पर डीएम व दूसरे मंजिल पर एसपी का जनता दरबार चल रहा था. जनता दरबार में जिले के विभिन्न प्रखंडों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे. जनता दरबार में अधिकांश गरीब व मध्यम परिवार के लोग न्याय की आस में आते हैं. कई लोग पानी के लिए भटक रहे थे. पानी नहीं मिलने से लोग बेचैन हो रहे थे. कोई दुकान पर जाकर प्यास बुझा रहा था, तो कोई सीआइडी विभाग के सामने लगे चापाकल से प्यास बुझा रहा था. यह स्थिति वहां की है जहां से पूरे जिले की कार्ययोजना बनायी जाती है और उसे अमली जामा पहनाया जाता है. वहां भी लोग यदि पानी के लिए भटकें, तो दूसरे जगह क्या स्थिति होगी.
विकास भवन में भी पानी की किल्लत
विकास भवन में भी पानी की किल्लत है. यहां पर जिला परिवहन विभाग का भी दफ्तर है. इसके अलावा डीडीसी का ऑफिस, जिला पंचायती राज का कार्यालय सहित कई अन्य कार्यालय हैं. इसके कारण पूरे दिन जिले भर से लोगों का आना-जाना लगा रहता है. विकास भवन में भी पेयजल की किल्लत बनी हुई है. कहीं भी आम लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. यहां भी लोग चाय, नास्ता की दुकान पर पानी के लिए निर्भर हैं. डीटीओ कार्यालय किसी काम से आये बारसोई निवासी मो समसुद्दीन, मो आरिफ ने कहा कि पानी की व्यवस्था नहीं है. इतनी भीषण गरमी में बार-बार प्यास लग रही है. हमलोग बोतल बंद पानी खरीद कर पी रहे हैं, लेकिन गरीब तबके के लोगों को तो परेशानी हो रही है. तेज धूप व गरमी को देखते हुए प्रशासन को पीने का पानी व्यवस्था करनी चाहिए.
सदर अस्पताल में भटकते हैं मरीज
सदर अस्पताल में पेयजल की घोर किल्लत है. इस भीषण गरमी में अस्पताल आने वाले सैकड़ों मरीज व उनके परिजन पानी के लिए भटकने को मजबूर हो रहे हैं. सदर अस्पताल के बाहरी कैंपस में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. बाहरी परिसर में पेयजल के लिए लगाये गये नल टूट गये हैं. अस्पताल के अंदर दो चापाकल से पानी निकल रहा है. ये चापाकल बेकार अवस्था में पड़े हुए हैं. शुद्ध पानी के लिए लगाये गये वाटर फिल्टर मशीन बेकार हो गयी है. इसके कारण मरीजों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. मरीज व उनके परिजन आयरनयुक्त पानी पीने को विवश हो रहे हैं. गौरतलब हो कि सदर अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचते हैं, जबकि दर्जनों मरीज इलाज के लिए भरती होते हैं. वहां यदि पानी की व्यवस्था बेहतर नहीं हो तो परेशान होना लाजमी है.
पुस्तकालय के दोनों चापकल खराब
शहर के मिरचाईबाड़ी में स्थित जिला केंद्रीय पुस्तकालय में पानी के लिए अगल-बगल में ही दो चापाकल लगाये गये हैं.
दोनों ही चापाकल बेकार पड़े हुए हैं, जबकि यहां पुस्तक प्रेमियों का आना-जाना लगा रहता है. पुस्तकालय अध्यक्ष भीम पासवान ने कहा कि पीएचइडी की ओर से चापाकल लगाया गया है. चापाकल लगाने के कुछ दिन बात ही खराब हो गया है. चापाकल को दुरुस्त करने के लिए विभाग के पदाधिकारी को कहा गया है, किंतु इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
कटिहार. आग उगलती धूप व गरमी से शुक्रवार को भी लोग परेशान रहे. हालांकि धूप में कुछ नरमी आयी है, लेकिन उमस बढ़ने से लोग परेशान हैं. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा. तेज धूप, गरमी की वजह से फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों की परेशानी बढ़ गयी है. स्कूलों में छुट्टी रहने की वजह से बच्चों की परेशानी तो कम हुई, जबकि मजदूर वर्ग के लोगों को काम करना अब भी मुश्किल हो रहा है. धूप के कारण लोग बड़ी संख्या में बीमार हो रहे हैं. बढ़ती गरमी को देखते हुए लोग फ्रिज, पंखा, कूलर की खरीदारी जमकर कर रहे हैं. इसके अलावा बाइक पर चलने वाले लोग चश्मा, जूता पहनने के साथ शरीर को पूरा ढक कर चले रहे हैं. इससे लू लगने का खतरा कम हो जाता है.
मजदूर वर्ग के लोग हो रहे परेशान
तेज धूप व गरम हवा चलने की वजह से मजदूर वर्ग के लोग खासे परेशान है. काम करने के दौरान मजदूरों को लू लगने की शिकायत अभी काफी ज्यादा आ रही है. ऐसे में मजदूर काम करने से कतरा रहे है. खेतों में सुबह में लोग काम कर रहे हैं लेकिन दस बजे के बाद खेत में एक भी व्यक्ति नहीं दिख रहे हैं. जबकि बल्डिंग बनाने के काम में लगे मजदूर भी दोपहर में छत के उपर काम करने से कतरा रहे हैं. कुल मिलाकर गरमी का असर सभी वर्गों पर पड़ रहा है.
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