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चार घंटे में 160 मरीजों को देखा

सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से इसका असर मरीजों पर पड़ रहा है. भीड़ की वजह से डॉक्टर इलाज के नाम पर खानापूिर्त कर रहे हैं. कटिहार : सदर अस्पताल में महिला मरीजों का इलाज के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. इसका खुलासा प्रभात खबर की टीम के जायजा लेने के क्रम में […]

सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से इसका असर मरीजों पर पड़ रहा है. भीड़ की वजह से डॉक्टर इलाज के नाम पर खानापूिर्त कर रहे हैं.
कटिहार : सदर अस्पताल में महिला मरीजों का इलाज के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. इसका खुलासा प्रभात खबर की टीम के जायजा लेने के क्रम में मंगलवार को हुई. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि महिला चिकित्सक एक थी जबकि मरीजों की संख्या सैकड़ों में थी. ऐसे में महिला मरीज को सिर्फ पूछकर पूर्जे पर दवा लिखकर खानापूर्ति की जा रही थी. इससे कई मरीज नाखुश दिखीं, लेकिन कोई इसका विरोध करने का साहस नहीं किया. सदर अस्पताल के ओपीडी कमरा संख्या-7 में महज चार घंटे में 160 महिला मरीज के स्वास्थ्य की जांच, पुर्जे पर दवा लिखने एवं रजिस्टर मेंटेन तक का महिला चिकित्स्क ने कर दिखाया.
इससे साफ पता चलता है कि इलाज के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि चिकित्सक ने न आला लगाया न नब्ज देखा, बस पुर्जे पर दवा लिख दी. सोमवार को अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में महिला मरीज पहुंची थीं. कतार में 200 से अधिक खड़ी थीं. सुबह 8:00 से 2:00 बजे तक मरीज देखने का समय है. अमूमन चिकित्सक 10 बजे के करीब अपने कक्ष में बैठते है. एक-डेढ़ बजे भोजनावकाश में चले जाते हैं.
इलाज से मरीज भी संतुष्ट नहीं होते
जानकार सूत्रों का कहना है कि एक महिला मरीज की स्वास्थ्य जांच करने में चिकित्सक को कम से कम 20 से 25 मिनट लगना चाहिए. मरीज का नाम, उम्र, पता लिखने के साथ-साथ उनकी बीमारी से संबंधित जानकारी, उनका नब्ज देखना, आंख देखना, जीभ देखना व आला से जांच करने में कम से कम 20 से 25 मिनट लगता है.
पर, सदर अस्पताल में महज 3 या 4 घंटे में 160 महिला मरीजों की किस प्रकार जांच की गयी होगी. औसतन प्रति मरीज दो मिनट का समय दिया गया. आप समझते हैं कि मात्र 2 मिनट में एक चिकित्सक महिला मरीजों की क्या-क्या स्वास्थ परीक्षण कर सकते हैं. जानकार सूत्र का कहना है कि सदर अस्पताल कटिहार में महिला मरीजों के साथ केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है.
बड़ी संख्या में मरीज बिना इलाज के ही लौटे
मंगलवार को आधे से अधिक महिला मरीज कतार में थीं और चिकित्सकलंच करने चली गयीं. इस कारण बहुत से मरीज बिना इलाज कराये घर चले गये. न्यू अमीनाबाद चंदनादी निवासी पुनम खातून ने कहा कि सुबह 10:00 बजे से कतार में खड़ी रही. मेरा नंबर आने से पूर्व डॉक्टर उठ कर चली गयीं. गौशाला निवासी रीना देवी ने कहा कि 10:00 बजे से कतार में लगी रही. 2:00 बजे चिकित्सक उठ कर चली गयीं. इसलिए िबना इलाज के ही लौटना पड़ा.
नायाटोला निवासी पीपुल देवी का कहना है कि सदर अस्पताल महिला चिकित्सक से स्वास्थ्य जांच कराने के लिए 10:00 बजे दिन में अस्पताल पहुंचे. रजिस्ट्रेशन कराने के पश्चात कतार में लगा कतार में खड़ी हो रही. 2:00 बजे तक लेकिन चिकित्सक बिना देखे भोजनावकाश में चली गई. राधा बाबूपुर निवासी, चमेली देवी का कहना है कि में सुबह 7:00 बजे ट्रेन से कटिहार आयी और 10:00 बजे चले अस्पताल पहुंची. जहां रजिस्ट्रेशन कराने के पश्चात कतार में खड़ी हुई.
लेकिन मेरा नंबर आने से पूर्व चिकित्सा भोजनावकाश में चले जाने के कारण स्वास्थ्य परीक्षण से वंचित रहा. इस प्रकार दर्जनों महिलाएं मरीजों ने अपनी व्यथा सुनायी. यह स्थिति किसी एक दिन की नहीं बल्कि रोज की है. अगर डॉक्टर ने जांच लिख दिया, तो फिर दूसरे दिन भी अस्पताल आना ही पड़ेगा. इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण इलाके से आने वाले मरीजों को झेलनी पड़ती है. बहुत मरीज जो यहां नहीं दिखा पाते हैं, वे निजी क्लिनिक पहुंच जाते हैं.

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