भभुआ नगर. ऐसे वाहन मालिक, जो बिहार के बाहर की रजिस्टर्ड गाड़ियां यहां चला रहे हैं, तो ऐसे वाहन स्वामियों के लिए परेशान करने वाली खबर है. परिवहन विभाग ने बिहार के बाहर की रजिस्टर्ड गाड़ियों पर पूरी तरीके से नकेल कसने की तैयारी में जुट गया है. नियम की अवहेलना करने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई की जायेगी. इधर, परिवहन विभाग के तरफ से सड़कों पर दूसरे प्रदेश की दौड़ रही गाड़ियों पर कार्रवाई करने के लिये आदेश जारी किया गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि दूसरे प्रदेश से रजिस्टर्ड गाड़ियों को चिह्नित करते हुए कार्रवाई करें. = मोटर व्हीकल एक्ट के तहत होगी कार्रवाई गौरतलब है कि प्रत्येक दिन बिहार की सड़कों पर दौड़ती बिहार के बाहर से रजिस्टर्ड गाड़ियां अक्सर देखने को मिल जाती है. रजिस्टर्ड गाड़ियों में अक्सर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड व दिल्ली की गाड़ियां बिहार की सड़कों पर दौड़ती हुई दिखती हैं. यानी कहे, तो ऐसे वाहन स्वामियों पर विभागीय आदेश का असर नहीं दिखता है. हालांकि, अब ऐसी गाड़ियां जो बिहार को छोड़ कर दूसरे स्टेट से रजिस्टर्ड हैं इन पर कार्रवाई होगी. ऐसी गाड़ियों पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के नियमावली के तहत कार्रवाई की जायेगी. = बाहर की गाड़ियों को चिह्नित करने के लिए परिवहन विभाग आधुनिक तकनीक का लेगा सहारा बिहार को छोड़ कर दूसरे प्रदेश से रजिस्टर्ड गाड़ियों को चिह्नित करने के लिए परिवहन विभाग आधुनिक तकनीक का सहारा लेगा. गाड़ियों को चिह्नित करने के लिए सीसीटीवी व डिजिटल डेटाबेस के आधार पर बिहार के बाहर की रजिस्टर्ड गाड़ियों पर परिवहन विभाग नजर रखेगा. परिवहन विभाग टोल प्लाजा और शहर के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे जो ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम से लैस हैं. इन गाड़ियों के नंबर प्लेट काे स्कैन करेगी. = बिहार को छोड़ कर दूसरे राज्यों के निबंधित वाहन को 30 दिनों तक ही रखने का है प्रावधान गौरतलब है कि बिहार को छोड़ कर दूसरे राज्य से रजिस्टर्ड गाड़ियों को 30 दिनों तक ही रखने का प्रावधान है. 30 दिनों के बाद भी दूसरे राज्य से रजिस्टर्ड गाड़ियों को राज्य में ही रखते हैं, तो प्रतिदिन ₹5000 फाइन देना होगा. हालांकि, वाहन स्वामियों को यह प्रमाणित करना होगा कि उसका वाहन 30 दिनों तक के लिए ही राज्य में है और अगर वह इसमें असफल रहते हैं, तो उन्हें निर्धारित पांच हजार फाइन देना होगा. यह फाइन भी 24 घंटे के लिये ही मान्य होगा और अगर 24 घंटे बाद दोबारा वाहन पकड़ी जाती है, तो हरेक 24 घंटे बाद पांच हजार का फाइन तो लगेगा ही, साथ ही कॉमर्शियल वाहन टैक्स का तीन गुना राशि भी देना होगा. अगर दूसरे राज्य के निबंधित वाहन बिहार में चलाना चाहते हैं तो बिहार में वाहन का निबंधन कराना आवश्यक होगा. वैसे निबंधित वाहन का 15 साल में जितना समय बचा है, उसका टैक्स जमा करना होगा इसके बाद नया रजिस्ट्रेशन कार्ड बनेगा. बोले अधिकारी दूसरे प्रदेश की रजिस्टर्ड गाड़ियां धड़ल्ले से जिले में चल रही हैं. ऐसे वाहनों को चिह्नित करते हुए कार्रवाई की जायेगी. करिश्मा कुमारी, प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी
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