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Kaimur News : शहरियों को मॉर्निंग वॉक में हो रही दिक्कत

सुबह 10 बजे से पहले पार्क का नहीं खुलता है ताला, आम लोगों का आरोप : पब्लिक के लिए नहीं, राजस्व कमाने के लिए वन विभाग ने खोला है सिटी पार्क

भभुआ सदर. भभुआ शहर में वैसे तो जगह की कमी की वजह से पार्क की कमी है. तफरीह और मनोरंजन के लिए शहर में एकमात्र सीटी पार्क ही है, लेकिन शहरवासियों का आरोप है कि वन विभाग के अधीन सिटी पार्क पब्लिक के लिए नहीं, बल्कि मनचलों और राजस्व कमाने के लिए खोला जा रहा है. लोगों का आरोप है कि पार्क को प्रत्येक सुबह आमलोगों के लिए खुले रहना चाहिए. लेकिन, सिटी पार्क की व्यवस्था संभाले वन विभाग के कर्मी सुबह 10 बजे से पहले पार्क का ताला नहीं खोलते है. ऐसे में विशेषकर उन लोगों को परेशानी हो रही है, जो रोज स्वास्थ्य लाभ के लिए टहलने निकलते है. गौरतलब है कि शहर के अधिकतर महिला-पुरुष व बच्चे सुबह-सुबह जगजीवन स्टेडियम में खेलने, दौड़ने, टहलने और योगाभ्यास के लिए आते हैं. लेकिन, पिछले दो महीने से होमगार्ड की बहाली और सुरक्षा की दृष्टि से स्टेडियम को बंद कर दिया गया था. इस दौरान आम लोगों को टहलने में काफी परेशानी हुई. दो दिन पहले स्टेडियम को खोल दिया गया. लेकिन बारिश में पानी जमा हो जाता है. इधर, सिटी पार्क का सुबह में ताला नहीं खोले जाने से मॉर्निंग वॉक करनेवाले महिलाओं और पुरुषों को सड़क पर टहलना पड़ रहा है. क्योंकि शहर में जगजीवन स्टेडियम के अलावा हवाई अड्डा, टाउन हाइस्कूल आदि के मैदानों की हालत काफी खराब है और बारिश हो जाने के बाद इन मैदानों में टहलना, तो दूर खेलना भी मुश्किल हो जाता है. ले देकर एकमात्र सिटी पार्क बचता है, लेकिन उसमें भी वन विभाग की तानाशाही रवैया और पार्क में मनचलों को सह देने की कोशिश के चलते शहरवासी पार्क के उपयोग से वंचित हो रहे है. = सुबह 10 बजे खुलने के बाद पार्क में मनचलों की उमड़ती है भीड़: वन विभाग की ओर से सिटी पार्क को सुबह 10 बजे से खोला जाता है. इसके बाद पार्क में मनचलों और प्रेमी जोड़ों की भीड़ उमड़ती है. इसके चलते आये दिन विवाद और मारपीट होती रहती है. इसके चलते दिन में भी सभ्य लोग पार्क में जाने या घूमने से हिचकते है. पार्क में दिनभर मनचलों और प्रेमी जोड़ों की भीड़ लगी रहती है, जो अश्लील हरकत करते रहते है. अहले सुबह में पार्क खोलने की लोगों ने उठायी मांग शहर के रहनेवाले विपिन उपाध्याय, राजेश अग्रवाल, संतोष प्रसाद का कहना था कि पूर्व में जब सिटी पार्क नगर पर्षद के जिम्मे था, तो पार्क के खुलने और उसमें आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी. नगर पर्षद के जिम्मे था, तो पार्क एक सुबह से खोल दिया जाता था. इसमें लोग सुबह सबेरे जाकर टहलते और योगाभ्यास करते थे. सुबह बच्चे भी खेलने के लिए पार्क में आ जाते थे. लेकिन, जब से सिटी पार्क वन विभाग के अधीन हुआ है, तब से सिटी पार्क में मनमानी की जा रही है. महिलाएं शांति देवी, ज्योति कुमारी, स्नेहा गुप्ता आदि ने बताया कि सुबह में पार्क खुलने से बुजुर्ग यहां टहल कर स्वास्थ्य लाभ ले लेते थे. वहीं, बच्चों के लिए भी खेलने की जगह थी, लेकिन पार्क के सुबह 10 बजे से खोले जाने के कारण अब बच्चे व बुजुर्ग दोनों परेशान हो रहे हैं. बच्चों को खेलने की जगह न मिलने से वह दूसरी जगहों पर जाने की जिद करते हैं. महिलाओं ने मांग की कि सिटी पार्क के ताले सुबह के समय से खोले जाये. लोगों ने भी मांग की कि जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी इस मामले में संज्ञान लें और कार्रवाई करें.

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