पीएचइडी के सुपुर्द होने के बाद बद से बदतर हुई व्यवस्था महादलित बस्तियों में पेयजल संकट, अधिकारी बेखबर रामपुर . प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के कई वार्डों में नलजल योजना शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. कहीं किसी वार्ड का नलजल बिजली बिल के अभाव में बंद पड़ा है, तो कहीं मेन पाइप फटा पड़ा है. कहीं टंकी का मुख्य सप्लाई पाइप फटने से सड़क पर पानी बह रहा है, तो कहीं सिंटेक्स ही क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ा है. इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है. नलजल योजनाएं पीएचइडी को सौंप दी गयी हैं. ग्रामीणों ने बताया कि नलजल योजना में घोर लापरवाही की गयी है. गलियों व घरों में जो नल व पाइप लगाये गये हैं वे लो क्वालिटी के हैं. हमलोगों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. यह स्थिति केवल एक पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि दर्जनों गांवों में घटिया किस्म के पाइप व नल लगाये गये हैं. साथ ही चापाकल भी एक दो ही हैं, जो मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हैं. आये दिन हजारों लीटर पानी पाइप फटने से गली व सड़क पर बह जाता है. बार-बार कहने के बावजूद आज तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.इस समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा मौखिक व लिखित रूप से कई बार प्रयास किये गये. जनप्रतिनिधियों व पीएचइडी पदाधिकारियों से भी संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. पीएचइडी को सुपुर्द होने के बाद भी दर्जनों वार्डों में पाइप फटने से सैकड़ों लीटर पानी गली, सड़क व नाली में बहकर बर्बाद हो रहा है. गौरतलब है कि भोरेया व भीतरीबांध गांव में नलजल योजना के तहत लगाये गये पाइप जगह-जगह टूटे पड़े हैं. इससे पानी बर्बाद हो रहा है और पीसीसी सड़क भी जलजमाव से क्षतिग्रस्त हो रही है. भोरेया वार्ड पांच महादलित बस्ती, वार्ड संख्या 6 व पसाईं वार्ड संख्या 1 व 2 सहित कई गांवों में मरम्मत के अभाव व बिजली कनेक्शन कटने के कारण नलजल योजना बंद पड़ी है. भीतरीबांध गांव के बाला चौबे, उमा शंकर चौबे, भुआलू राम, राम भरत सिंह, गृही सिंह सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि नलजल योजना पूर्ण होने के कुछ ही दिनों बाद टंकी का मुख्य सप्लाई पाइप फट गया और महीनों से सड़क पर पानी बह रहा है. पहले पंचायत राज के अधीन रहने पर निरीक्षण कर मरम्मत होती थी, लेकिन पीएचइडी को सौंपे जाने के बाद स्थिति बद से बदतर हो गयी है. बरांव गांव के सेवरी समुदाय के बीरेंद्र मुसहर, गौरी मुसहर, लालमुनि मुसहर, प्यारी कुंवर, कलावती देवी, डौली कुंवर सहित ग्रामीणों ने बताया कि महादलित बस्ती वार्ड संख्या 14 में लगभग 30 घरों के 150 लोग निवास करते हैं, लेकिन नलजल की कोई व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. सबर वार्ड संख्या 9 में पीएचइडी द्वारा लगायी गयी नलजल योजना से मात्र 40 घरों में पानी की आपूर्ति हो रही है, जबकि करीब 160 घरों में कनेक्शन ही नहीं है. झाली गांव के वार्ड संख्या 6 के महादलित बस्ती में 50 घरों के लगभग 350 लोग निवास करते हैं. ग्रामीण जवाहिर राम, अकलू राम, पार्वती देवी, मुआ देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि सभी घरों में नल तो लगे हैं, लेकिन छह माह पहले केवल एक घंटे पानी आता था, वह भी अब बंद हो गया है. अधिकांश घरों के नल शोभा की वस्तु बनकर रह गये हैं. इस संबंध में पंचायत राज पदाधिकारी ज्योति कुमारी से बताया कि जेइ से संपर्क कर बिल संशोधन के लिए बार-बार कहा जा रहा है. अन्य वार्डों में नलजल से जुड़ी छोटी-छोटी कमियों की जानकारी पीएचइडी जेइ को दे दी गयी है.
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