भभुआ सदर. बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान महासभा के बैनर तले जिला मुख्यालय स्थित लिच्छवी भवन पर किसानों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था. लेकिन, हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन किसानों की जमीन और फसलें भी कानून के जरिये छीना जा रहा है. किसान महासभा ने इस प्रक्रिया की तीखी आलोचना की और इसे किसान विरोधी करार दिया. संगठन के नेताओं ने विभिन्न लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने की मांग की. इनमें प्रमुख रूप से इंद्रपुरी बराज का शीघ्र निर्माण, सोन नहर के आधुनिकीकरण के तहत टेल पॉइंट तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था, दुर्गावती सिंचाई परियोजना, मलई बराज परियोजना व उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना के कार्यों को गति देने तथा कुटकु बांध पर फाटक लगाये जाने की मांग शामिल रही. इसके साथ ही उन्होंने डालमिया नगर स्थित बंद पड़े कारखाने को पुनः चालू करने व वहां प्रस्तावित रेल कारखाना के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की भी जोरदार मांग उठायी. भारत माला सड़क परियोजना एवं ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए किसानों से ली जा रही. जमीन के मुआवजे पर भी किसानों ने नाराजगी जतायी. उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत बाजार दर से चार गुना मुआवजा दिया जाये. धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष लुटावन प्रसाद ने की, जबकि संचालन रामएकवाल राम, सह सचिव कैमूर ने किया. इस मौके पर किसान नेताओं मोरध्वज सिंह, जयप्रकाश निराला, लालजी सिंह, इंसाफ मंच कैमूर के जिला सचिव अफसर खान, सीताराम राम, महेंद्र सिंह व श्याम नारायण राम ने अपने विचार रखे. साथ ही सभी वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि यदि सरकार किसानों की मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन को और उग्र किया जायेगा. किसान महासभा ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जायेगा. इस दौरान धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और इसमें भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया.
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