भभुआ. वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार ने किसानों को कृषि यंत्र के खरीद पर तीन करोड़ 94 लाख रुपये का अनुदान दिया है. वहीं, जिले के 958 किसानों ने सरकारी अनुदान पर विभिन्न तरह के कृषि यंत्र खरीदे. गौरतलब है कि आज की तारीख में खेती भी आमदनी का बड़ा जरिया बन चुका है. लेकिन, बढ़ रहे मैनुअल श्रम की लागत और दिक्कत ने किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों के इस्तेमाल की ओर तेजी से ढकेला है. इन यंत्रों के प्रयोग से किसान कम समय और कम लागत में जुताई, बुआई, कटनी, दौनी, ओसावन आदि कृषि कार्य निबटा रहे हैं. इसके बावजूद इसके बहुत से किसान आर्थिक तंगी के वजह से महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते हैं. इसको लेकर सरकार की ओर से सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन और कृषि यांत्रिकीकरण राज्य योजना से किसानों को अनुदान पर विभिन्न किस्म के कृषि यंत्र उपलब्ध कराती है. इसके लिये किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना पडता है. गौरतलब है कि किसानों को स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर से 20 लाख रुपये के लागत वाले यंत्रों पर 12 लाख रुपये का अनुदान, कस्टम हायरिंग सेंटरों से 10 लाख रुपये के लागत वाले कृषि यंत्रों पर चार लाख रुपये का अनुदान व कृषि यंत्र बैंकों से 10 लाख के लागत पर आठ लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है. इसी तरह विभाग की ओर से जिले में लगाये जाने वाले कृषि यांत्रिकीकरण मेलों में भी ऑनलाइन आवेदन करने वाले किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जाते हैं. 1663 किसानों को अनुदानित कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का था लक्ष्य प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शिवजी कुमार ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 1663 किसानों को अनुदान पर विभिन्न कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन, लक्ष्य के अनुसार जिले में किसानों ने कृषि यंत्रों की खरीद नहीं की. वर्ष के समाप्ति तक जिले के 958 किसानों ने कृषि यंत्रों का खरीद किया. उन्होंने बताया कि किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कृषि यांत्रिकीकरण मेले के अतिरिक्त जिले के सभी प्रखंडों में स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर तथा रामपुर, भभुआ, कुदरा और मोहनियां सहित चार प्रखंडों में पांच हायरिंग सेंटर और अधौरा तथा भगवानपुर प्रखंड में दो कृषि यंत्र बैंकों की भी स्थापना की गयी है. इन्सेट 1 62 प्रकार के यंत्रों पर 50 से 80 प्रतिशत तक दिया जा रहा अनुदान भभुआ. किसानों को आधुनिक मशीनों से खेती कराने के लिये सरकार की ओर से 62 प्रकार के यंत्रों पर 50 से लेकर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इन कृषि यंत्रों में पटवन के लिए इलेक्ट्रिक मोटर, पर बुआई के लिए जीरो टिलेज, गेहूं की दवनी और भूसी बनाने के लिये स्ट्रारीपर, सुपर सीडर सहित बैटरी पर संचालित पावर स्प्रे मशीन, चारा काटने के लिये चारा मशीन, पटवन के लिए लपेटा पंप, गेहूं काटने के लिए थ्रेसर, मल्टी क्राप थ्रेसर, सीड ड्रील आदि सहित विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र किसानों को 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक अनुदान पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शिवजी कुमार ने बताया कि अनुदान की राशि सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति आदि वर्ग के लिए अलग-अलग है. इन्सेट 2 रैयत और गैर रैयत किसान उठा सकते हैं लाभ भभुआ. किसानों की आमदनी बढ़ाने व आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से अनुदानित दर पर दिये जाने वाले कृषि यांत्रिकरण योजना का लाभ रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसान उठा सकते हैं. विभागीय जानकारी के अनुसार, 20 हजार से कम मूल्य वाले यंत्रों को सरकारी अनुदान पर खरीदने के लिए किसानों को अपने जमीन का लगान रसीद या एलपीसी प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं है. इस योजना का लाभ रैयत किसानों के साथ गैर रैयत किसान भी उठा सकते हैं. जबकि 20 हजार से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्रों का लाभ केवल रैयत किसान ही ले सकते हैं. इसी तरह विद्युत पंप मोटर, सबमर्सिबल के लिए किसान के नाम से कम से कम 50 डिसमिल भूमि कृषि योग्य होनी चाहिये, तभी इस योजना का लाभ किसानों को मिल सकेगा. इसी तरह 18 और 20 एचपी के इंजन वाले ट्रैक्टर का लाभ लेने के लिए रैयत किसान के पास कम से कम एक एकड़ कृषि योग्य भूमि आवश्यक रूप से होनी चाहिए.
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