ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें, बाजार व मंडी ठप, फसलों को भारी नुकसान
रामगढ़.
बरसात का मौसम शुरू होते ही कैमूर और आसपास के क्षेत्रों में नदियों का उफान एक बार फिर तटीय इलाके के लोगों के लिए आफत बन गया है. प्रखंड क्षेत्र के बरौडा के समीप बह रही कर्मनाशा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से सोमवार की सुबह से ही उत्तर प्रदेश और बिहार का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. बरौडा पुल के बिहार सीमा पार बरौडा–दिलदारनगर मुख्य सड़क मधुकारी बाबा मंदिर के समीप नदी का पानी करीब तीन फीट ऊपर से बह रहा है. जिससे छोटे–बड़े वाहन फंसे पड़े हैं, किसी तरह लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं.हर साल बरसात के मौसम में होती है समस्या
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या कोई पहली बार की नहीं है. हर साल बरसात के मौसम में कर्मनाशा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से गांव और सड़कें जलमग्न हो जाती हैं. लगातार पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से इस बार भी हालात बिगाड़ गये हैं, न सिर्फ कर्मनाशा बल्कि दुर्गावती नदी में भी पानी का बहाव तेज हो गया है. परिणामस्वरूप तटीय गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लग गया है.किसानों और ग्रामीणों की चिंता बढ़ी
नदी का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. खेतों में खड़ी धान और सब्जियों की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गयी है. कई घरों में भी पानी घुस गया है, जिससे ग्रामीण सुरक्षित ठिकाने की तलाश में पलायन करने को विवश हो रहे हैं. बरौडा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बिहार सीमा पार मधुकारी बाबा मंदिर के समीप मुख्य पथ पर करीब तीन फीट पानी बह रहा है, जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से बंद हो चुका है. बाजार–मंडी ठप, महंगाई की पड़ रही मारसड़क संपर्क टूट जाने से स्थानीय बाजारों पर भी इसका सीधा असर दिखने लगा है. सब्जियों और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति ठप हो गयी है, इससे ग्रामीणों को महंगाई की भी मार झेलनी पड़ रही है. लोगों को मजबूरी में ऊंचे दाम पर सामान खरीदना पड़ रहा है. वहीं व्यापारियों को भी भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि माल की आपूर्ति और परिवहन दोनों प्रभावित हो गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

