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Kaimur news : अवैध राशि वसूलने को ले जगरियां पंचायत की आवास सहायिका की सेवा समाप्त

नपुर प्रखंड की पंचायत जगरीया में कार्यरत ग्रामीण आवास सहायिका की सेवा समाप्त कर दी गयी है. सर्वे के दौरान ग्रामीणों से अवैध वसूली का वीडियो वायरल होने के बाद उप विकास आयुक्त द्वारा आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से आवास सहायिका का अनुबंध रद्द कर सेवा समाप्त कर दी गयी

भभुआ. चैनपुर प्रखंड की पंचायत जगरीया में कार्यरत ग्रामीण आवास सहायिका की सेवा समाप्त कर दी गयी है. सर्वे के दौरान ग्रामीणों से अवैध वसूली का वीडियो वायरल होने के बाद उप विकास आयुक्त द्वारा आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से आवास सहायिका का अनुबंध रद्द कर सेवा समाप्त कर दी गयी. इधर, डीडीसी द्वारा जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि आवास विहीन परिवारों के चल रहे सर्वे पंचायत में पदस्थापित सर्वेक्षण कर्ता सह आवास सहायिका कुमारी सीमा पटेल ग्राम पंचायत जगरियां द्वारा लाभुकों से अवैध राशि वसूलने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा था. इसके बाद आवास सहायिका से स्पष्टीकरण पूछा गया था. लेकिन आवास सहायिका द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे चित्र के तथ्यों के विपरीत पाया गया. निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि आवास सहायिका द्वारा आवास योजना के सर्वेक्षण कार्य में लाभुक से अवैध राशि ली गयी. इस आधार पर ऐसे कर्मी को सेवा में बने रहना लोकहित में नहीं है. ऐसे में मैं ज्ञान प्रकाश बिहार सरकार से प्राप्त अधिकारों के तहत ग्रामीण आवास सहायिका सीमा पटेल का तत्काल प्रभाव से अनुबंध रद्द करता हूं. साथ ही बीडीओ चैनपुर को आदेश है कि कुमारी सीमा पटेल का प्रभार किसी और आवास सहायक सौंपते हुए, इनके पास सरकार के जो भी अभिलेख हैं, उसका प्रभार दूसरे आवास सहायक को दिलवाया जाये. इन्सेट आवास सहायिका ने स्पष्टीकरण का क्या दिया जवाब भभुआ. ग्रामीण से सर्वेक्षण में आवास सहायिका द्वारा राशि वसूलने का वीडियो वायरल होने के बाद आवास सहायिका द्वारा दिये गये जवाब और वीडियो की जांच का खुलासा भी अनुबंध रद्द करने वाले आदेश कर्ता डीडीसी के पत्र में किया गया है. स्पष्टीकरण के जवाब में आवास सहायिका द्वारा बताया गया है कि मेरे द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण कार्य में लाभुक से कोई राशि नहीं ली जा रही है. इस तरह का वीडियो साजिश के तहत मुझसे गलत कार्य कराने के लिए, पंचायत से हटाने के लिए तथा फंसाने के लिए बनाया गया है. मैं डायरी में कितने व्यक्ति का सर्वे किया गया, इसका रिपोर्ट जोड़ रही थी. जब लाभार्थी के आवास का जीयो टैग कर रही थी ,तभी अपनी डायरी डाटा नोट करने के लिए निकाली और वहीं पर भूल गयी. उसके बाद लाभार्थी ने डायरी मुझे वापस कर दिया. जिसे मैंने अपने पर्स में रख लिया. उसमें क्या था मुझे ज्ञात नहीं है. इन्सेट 2 डीडीसी ने असंतोषजनक स्पष्टीकरण का क्या दिया तर्क इधर, आवास सहायिका सीमा पटेल के स्पष्टीकरण के जवाब के बाद डीडीसी द्वारा आदेश में तर्क दिया गया है कि प्रसारित वीडियो से स्पष्ट है कि आवास सहायिका द्वारा उस समय कोई जीयो टैग नहीं किया जा रहा था. आवास सहायिका द्वारा अपनी डायरी भूलने की बात कही गयी है, लेकिन वीडियो में स्पष्ट है कि उनकी डायरी किसी व्यक्ति के हाथ में है तथा वह व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से राशि उसी डायरी में प्राप्त कर रहा है. डायरी में राशि प्राप्त करने के बाद वह व्यक्ति आवास सहायिका को डायरी वापस कर देता है और आवास सहायिका द्वारा डायरी अपने पर्स में रखा जाता है. चलचित्र में आवास सहायिका के भाव भंगिमा से लगता है कि यह घटना पूर्व नियोजित हो. निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि आवास सहायिका द्वारा लाभुक से सर्वेक्षण में अवैध राशि ली गयी है.

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