= लाभुकों ने पशुशेड निर्माण के बाद राशि भुगतान नहीं होने का दायर किया था परिवाद भभुआ. मनरेगा लोकपाल की अदालत के आदेश के बाद मनरेगा विभाग द्वारा पशुशेड निर्माण कराये गये लाभुकों की बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है. इसे लेकर लाभुकों द्वारा पूर्व में मनरेगा लोकपाल की अदालत में परिवाद दायर किया गया था. सुनवाई के उपरांत अब लाभुकों के पशुशेड निर्माण की शेष राशि का भुगतान मनरेगा से कर दिया गया है. इस संबंध में भभुआ प्रखंड के नखतौल गांव निवासी जगत राम पिता शिवनाथ राम तथा कमलावती देवी पति कन्हैया सिंह द्वारा दायर परिवाद में कहा गया था कि मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक व कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा भुगतान किये जाने की बात कहने के बाद उन्होंने पशुशेड का निर्माण कराया था. लेकिन पशुशेड निर्माण के बाद उन्हें मात्र 3000 रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया. जबकि पशुशेड निर्माण की कुल लागत एक लाख 67 हजार 300 रुपये थी. लाभुकों का कहना था कि शेष राशि के भुगतान को लेकर उन्होंने कई बार पंचायत रोजगार सेवक व कार्यक्रम पदाधिकारी से संपर्क किया, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया. इसके बाद मामला मनरेगा लोकपाल की अदालत तक पहुंचा. लोकपाल अदालत में सुनवाई के दौरान विपक्षियों की ओर से यह दलील दी गयी कि पशुशेड निर्माण की राशि संबंधित वेंडर के खाते में भेज दी गयी थी, जिसके द्वारा लाभुकों को भुगतान नहीं किया गया. इस मामले में मनरेगा लोकपाल ने कार्यक्रम पदाधिकारी व पंचायत रोजगार सेवक को भुगतान के लिए जिम्मेवार मानते हुए लाभुकों को शेष राशि का भुगतान करने का आदेश दिया. लोकपाल के आदेश के अनुपालन के बाद अब लाभुकों द्वारा मनरेगा लोकपाल की अदालत में लिखित स्वीकृति दी गयी है कि पशुशेड निर्माण की बकाया राशि उन्हें प्राप्त हो गयी है.
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