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एक ही कमरे में वर्ग छह से 12वीं तक के छात्रों की होती है पढ़ाई

अनोखा स्कूल़ 400 से 450 स्टूडेंट्स आते हैं विद्यालय

सुनील कुमार पाठक, भभुआ नगर

सरकार की ओर से जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं, फिर भी सुविधा नदारद है़ जिले के रामपुर प्रखंड का डीएसएन प्लस टू हाइस्कूल, जलालपुर जिले का एक ऐसा भी अनोखा विद्यालय है, जहां महज एक ही कमरे में वर्ग 6 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की पठन-पाठन की व्यवस्था शिक्षा विभाग व विद्यालय सिस्टम को आइना दिखाने के लिए काफी है. सूबे की सरकार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. मध्याह्न भोजन से लेकर साइकिल, पोशाक, किताब, छात्रवृति से लेकर विद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है. इसके बावजूद भी शिक्षा व्यवस्था को लेकर जिले में माकूल सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है. हाल यह है कि संसाधनों की कमी के बीच पठन-पाठन का यह स्तर जिले में शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रहे है. यह सुनकर चौंकना स्वाभाविक है कि एक ही कक्ष में आखिर सात-सात कक्षाएं कैसे संचालित होती होंगी. मगर ये सोलह आने सच है. कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड के प्लस टू हाइस्कूल जलालपुर वर्ग 6 से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को एक ही वर्ग कक्ष में पढ़ाया जाता है. सवाल लाजिमी है, जब एक ही कक्षा में सात-सात कक्षा के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते होंगे, तो उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता का क्या हश्र होगा.

खास बात यह है कि एक वर्ग कक्ष रहने के कारण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पीपल के पेड़ के नीचे या लैब रूम एवं जिम में होती है. लेकिन बारिश के मौसम में जब बारिश शुरू हो जाये और विद्यालय में नामांकित सभी छात्र-छात्राएं एक साथ विद्यालय में इकट्ठे हो जाये, तो बैठने के लिए, तो दूर क्लासरूम में खड़े होने की भी जगह नहीं रह जायेगी. गनीमत यह है कि प्रतिदिन छात्रों की पढ़ाई एवं वर्ग कक्ष नहीं रहने के कारण छात्रों की उपस्थिति में लगातार कमी हो रही है़ वहीं, रूम की कमी रहने के कारण छात्रों का वर्ग संचालन कार्यालय में होता है. स्थिति यह है कि विद्यालय में कार्यरत गुरुजी खाली समय में भी पेड़ के नीचे अपना समय बिताते नजर आते हैं. यानी वर्ग कक्ष के अभाव में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है. जबकि, शिक्षको को भी शिक्षण कार्य करने में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

= पीएमश्री के तहत चयनित है जलालपुर विद्यालयगौरतलब है कि पीएमश्री के तहत प्लस टू उच्च विद्यालय जलालपुर चयनित है. सरकार द्वारा घोषणा किया गया है कि पीएमश्री के तहत चयनित विद्यालयों में भवन निर्माण से लेकर खेल मैदान व विद्यालय रखरखाव के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जायेंगे. लेकिन फिलहाल जो छात्र-छात्राएं विद्यालय में पढ़ रहे हैं, उनको इसे क्या फायदा होगा. जब उनके पढ़ाई गोल्डन पीरियड ही बीत जायेगा.

विद्यालय में बाउंड्री वॉल भी नहीं, घूमते रहते हैं आवारा पशुप्लस टू हाइस्कूल जलालपुर विद्यालय में विद्यालय की चहारदीवारी न होने के कारण छात्र-छात्राओं के आसपास गड्ढों में भरे हुए पानी एवं विद्यालय में जानवरों के आने का भय बना रहता है. छात्र के साथ-साथ बाउंड्री नहीं रहने के कारण ग्रामीण व आवारा पशु विश्वविद्यालय के नजदीक तक घूमते रहते हैं. हालांकि, बाउंड्री वॉल निर्माण करने के लिए विभाग से राशि दी गयी, लेकिन संवेदक बीते अप्रैल माह से ही बाउंड्री वॉल का कार्य आधा अधूरा छोड़ कर चला गया है, लेकिन इसकी सुधी लेने वाला भी कोई नहीं है. गौरतलब है कि जलालपुर विद्यालय में तीन कमरे एवं एक कार्यालय है, जहां एक कमरे में छात्रों के पठन पाठन की व्यवस्था है, लेकिन बचे दो कमरे में से एक में जिम लगाया गया है, तो एक कमरे में लैब संचालित होता है, यानी वर्ग संचालन के लिए केवल एक ही कमरा उपलब्ध है.= क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक

प्रधानाध्यापक हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विद्यालय में भवन निर्माण के लिए मौखिक एवं लिखित जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है, लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गयी है.

= क्या कहते हैं डीपीओ

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान विकास कुमार डीएन ने कहा कि प्लस टू हाइस्कूल जलालपुर का चयन पीएम श्री योजना के तहत किया गया है. पीएम श्री योजना के तहत विद्यालय में भवन निर्माण कार्य से लेकर विद्यालय के विकास के लिए करोड़ों रुपये जल्द ही विद्यालयों को दिये जायेेंगे.

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